Edited By Pooja Gill,Updated: 14 Oct, 2024 11:37 AM
Bahraich Communal Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में रविवार को देवी दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन जुलूस के दौरान गोलीबारी और पथराव हो गया, जिसमें एक युवक की मौत हो गई...
Bahraich Communal Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में रविवार को देवी दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन जुलूस के दौरान गोलीबारी और पथराव हो गया, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। इस हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा का पोस्टमार्टम सुबह साढ़े तीन बजे के बाद शुरू हुआ। पोस्टमार्टम सुबह सात बजे पूरा हुआ। इसके बाद शव उनके घर की तरफ रवाना किया गया। मृतक का शव उसके घर पहुंच चुका है। हजारों की भीड़ जमा हुई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। भारी पुलिस बल भी तैनात है।
हिंसा में 12 से ज्यादा लोग हुए घायल
बता दें कि यह मामला जिले के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार का है, जहां पर बाजार निवासी अब्दुल हमीद के घर के सामने से निकल रहे जुलूस में लोग जयकारा लगा रहे थे। इसी दौरान मूर्तियों पर लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव के बीच ही उपद्रवियों ने गोली चला दी। गोली लगने से रेहुआ मंसूर गांव निवासी राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। वहीं, हिंसा के दौरान सुधाकर तिवारी (45), सत्यवान (40), अखिलेश वाजपेयी (55) विनोद मिश्रा (60), लाल विश्वकर्मा (55) समेत 12 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकांश लोग निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। मृतक का शव घर पहुंच गया है।
क्षेत्र में अघोषित कर्फ्यू के हालात
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी होती रही। आज मृतक का शव घर पहुंचा, इस दौरान भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस और कुछ लोगों में बहस भी हुई। पुलिस का बंदोबस्त मौजूद है। इस घटना के बाद क्षेत्र में अभी भी तनाव व्याप्त है। महराजगंज और महसी इलाके के निजी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई।
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
इस घटना के बाद एक्शन लेते हुए देर रात मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों पर एफआईआर किया किया। वहीं, लापरवाही करने पर हरदी थाना प्रभारी व महसी चौकी प्रभारी निलंबित कर दिए गए। 20 से 25 लोगों को हिरासत में लेने की भी खबर है। उधर दूसरी ओर पूजा कमेटी देर रात तक इस बात पर अड़ी रहीं कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो। आरोपियों को फांसी देने के नारे देर रात सड़कों पर गूंजते रहे।