Edited By Mamta Yadav,Updated: 10 Apr, 2023 01:20 AM
उत्तर प्रदेश के रामपुर में अधिकारियों का असंवेदनशील रवैया देखेने को मिला है। अधिकारियों ने युवक से कहा कि अब घर पर जल्द ही बुलडोजर चलेगा। इस पर सदमें में आकर एक पिता ने अपनी 8 साल बेटी, 10 साल के बेटे को जहर खिलाकर खुद भी ज़हर कहा लिया जिसमें पिता और...
रामपुर (रवि शंकर): उत्तर प्रदेश के रामपुर में अधिकारियों का असंवेदनशील रवैया देखेने को मिला है। अधिकारियों ने युवक से कहा कि अब घर पर जल्द ही बुलडोजर चलेगा। इस पर सदमें में आकर एक पिता ने अपनी 8 साल बेटी, 10 साल के बेटे को जहर खिलाकर खुद भी ज़हर कहा लिया जिसमें पिता और 8 साल की बेटी की मौत हो गई, 10 साल का बेटा जो जहर नहीं निगल पाया वह बच गया। इतना भयानक क़दम उठाने की वजह बताते हुए उसकी पत्नी मेहताब ने कहा कि उनके घर को लेकर राजस्व विभाग की ओर से मकान तालाब की भूमि पर बना होना दर्शा कर 64 लाख के हर्जाने की भरपाई का नोटिस दिया था। इस नोटिस के संबंध में पांच दिन पूर्व राजस्व कर्मी दबाव बना रहे थे। इसी के चलते यह खतरनाक कदम उठा लिया। ज़हर खाने के चलते 8 वर्षीय बेटी और पिता की मौत हो गयी। घटना से परिवार का रो रो कर बुरा हाल है तो वहीं राजस्व विभाग के खिलाफ आक्रोश भी है।
उधर, एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने बताया कि कल दोपहर बाद मुझे जानकारी मिली कि सलीम पुत्र भूरा और उसके दो बच्चों ने कोई विशाल पदार्थ खा लिया है और उसकी कंडीशन ठीक नहीं है। हम लोगों ने अपनी टीम भेजकर इन तीनों लोगों को जिला हॉस्पिटल में एडमिट कराया। उसके बाद जब इलाज चल रहा था तो वहां से यह हुआ कि जो पुत्री है और सलीम की स्थिति नाजुक है इनको रेफर करना है तो हम लोग वहां से रेफर कराकर मुरादाबाद कॉसमॉस में एडमिट करा दिया। जिनकी आज सुबह में मृत्यु हो गई।
जहर खाने की क्या वजह थी क्या कोई नोटिस भेजा गया था, क्या था पूरा मामला?
इस पर एसडीएम ने बताया, इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और एक लड़का जो थ्रेसीमिया नामक बीमारी से पीड़ित था जिसका प्रशासन द्वारा पूर्व से ही इलाज कराया जा रहा है और जो नोटिस की बात कही वो गांव में कुछ परिवार ऐसे हैं जिन्होंने तालाब की जमीन पर मकान बनाए हुए हैं और उन्हें 2021 में नोटिस भेजा गया था और इस केस से नोटिस का कोई संबंध नहीं है। यह प्रतीत होता है क्योंकि यह 2 साल पहले का प्रकरण है लेकिन वाद विचाराधीन था उसमें मानसिक स्थिति और आर्थिक स्थिति प्राणी सा प्रतीत होता है कि इस कारण यह घटना हुई है और प्रशासन बच्चे का पूरा इलाज करा रहा था।
प्रशासन की तरफ से परिवार को कोई आर्थिक मदद दी जा रही है ?
इस पर एसडीएम सदर ने बताया, उनको हम किसी आवंटन आवास की जमीन का लोन प्रस्ताव करने जा रहे हैं क्योंकि पता लगाया था कि उनके नाम से कोई जमीन नहीं है। कृषि के लिए और आवास के लिए क्योंकि उनका मकान तालाब पर बना हुआ है तो भविष्य के लिए उनको आवास के रूप में हम जमीन देंगे और आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोर्ट से जिलाधिकारी महोदय से निवेदन करके पत्र भेजेंगे, जिससे इनको आर्थिक मदद भी मिल सके। वैसे हम राजस्व टीम द्वारा जो पैसा जुटाया गया है वह हम इनको और बच्चों को दे देंगे।
मृतक की पत्नी मेहताब जहां ने बताया हम जगह को लेकर टेंशन में है हमारे यहां नोटिस आया है अभी चार-पांच दिन पहले तहसीलदार साहब आए थे। उनसे बात हुई उसकी तारीक चल रही है। मेरा बच्चा बीमार है, मेरे पास कोई जरिया नहीं है मेरे पास यही है कमाने वाले, मेरे 7 बच्चे हैं। इन्होंने चूहों की दवाई खाई है। घर पर सही आए थे कई दिन से टेंशन में थे किसी भी बच्चे से नहीं बोल रहे थे। हमारा तालाब पर घर बना हुआ है हमें पता नहीं हमने प्रधान जी से खरीदी थी 80 गज जगह है हमारे पास, मेरे बच्चा बीमार है उसको 12 साल हो गए, उसका हर 15 दिन में ब्लड चढ़ता है दिल्ली लेकर जाते हैं चुओ की दवाई तीनों ने खाई है उन्होंने घर से बुलाया था बच्चों को और दुकान पर ले जाकर दवाई खिलाई है खुद भी खाई है और इनको भी खिलाइ हैं।