Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Jun, 2025 08:01 AM

Lucknow News: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रविवार को यानी आज (15 जून) लखनऊ जाएंगे और 60,244 सिपाही पुलिस भर्ती के नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण समारोह में शामिल होंगे। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। उप्र के मुख्यमंत्री...
Lucknow News: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रविवार को यानी आज (15 जून) लखनऊ जाएंगे और 60,244 सिपाही पुलिस भर्ती के नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण समारोह में शामिल होंगे। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शानिवार शाम कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके पहले शीर्ष अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम का निरीक्षण किया।
60,244 आरक्षियों को मिलेगा नियुक्ति पत्र, अमित शाह करेंगे वितरण
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार रविवार को पुलिस विभाग की सबसे बड़ी (60,244) आरक्षी (सिपाही) नागरिक पुलिस सीधी भर्ती का नियुक्ति पत्र वितरित करेगी। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य सरकार द्वारा राजधानी के डिफेंस एक्सपो मैदान में ऐतिहासिक भव्य समारोह में अमित शाह आरक्षी पुलिस नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
डिफेंस एक्सपो मैदान में दोपहर 12 बजे से होगा भव्य समारोह
बयान में कहा गया है कि डिफेंस एक्सपो मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम दोपहर 12 बजे शुरू होगा। इसमें वह सभी अभ्यर्थी शामिल होंगे, जिन्होंने हाल ही में उप्र पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। बयान में दावा किया गया है कि योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस विभाग में इतने बड़े पैमाने पर आरक्षी (सिपाही) भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराया गया।
48 हजार पुरुष और 12 हजार महिला अभ्यर्थियों का हुआ चयन
आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती-2023 के तहत 48,196 पुरुष और 12,048 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा संचालित की गई। इस परीक्षा के लिए कुल 48.17 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 15.49 लाख महिलाएं थीं। इतने विशाल स्तर पर परीक्षा आयोजित करना शासन और भर्ती बोर्ड दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसे अत्याधुनिक तकनीक और सख्त निगरानी से सफलतापूर्वक पूरा किया गया।