मुख्तार को अदालत में पेश करने के लिए इस्तेमाल एंबुलेंस के कागजात निकले फर्जी, FIR दर्ज

Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Apr, 2021 08:21 AM

ambulance documents used to present mukhtar in court turned out to be fake

गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को मोहाली की एक अदालत में पेश करने के लिए इस्तेमाल की गई एम्बुलेंस के पंजीकरण नम्बर के दस्तावेज फर्जी पाए जाने के बाद इस संबंध में बाराबंकी कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मुद्दे को लेकर हुए विवाद के...

बाराबंकी/चंडीगढ़: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को मोहाली की एक अदालत में पेश करने के लिए इस्तेमाल की गई एम्बुलेंस के पंजीकरण नम्बर के दस्तावेज फर्जी पाए जाने के बाद इस संबंध में बाराबंकी कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मुद्दे को लेकर हुए विवाद के बीच पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी कैदी को चिकित्सा के आधार पर निजी एम्बुलेंस में ले जाया जा सकता है और इसका खर्च कैदी द्वारा उठाया जाता है। पंजाब के मोहाली की एक अदालत में 31 मार्च को बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को 2019 के कथित जबरन वसूली के एक मामले में पेश किया गया था। कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अंसारी को व्‍हीलचेयर पर अदालत ले जाया गया था। इसके बाद अंसारी को एंबुलेंस के जरिए पंजाब की रूपनगर जेल ले जाया गया जहां वह जनवरी 2019 से बंद हैं।

बाराबंकी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए दिया गया नाम और पता गलत पाया गया। इस संबंध में सहायक सड़क परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) द्वारा डॉ. अलका राय के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है जिनका नाम एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए दिया गया था। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग करने), 467 (दस्‍तावेजों की हेराफेरी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है।

पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि बीते कई दिनों से मीडिया के माध्यम से एक एंबुलेंस के बारे में सूचना मिल रही थी। उन्होंने बताया कि यह वाहन बाराबंकी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत मिला और परिवहन कार्यालय और बाकी संबंधित विभागों से इस एंबुलेंस के संबंध में सूचना इकट्ठा की गई, जिसमें सामने आया कि इस वाहन को पंजीकृत कराने के लिए मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और दूसरे दस्तावेज दिए गए थे, वे सभी फर्जी निकले। प्रसाद के मुताबिक ये दस्‍तावेज जिस पते पर दर्ज थे वह पता भी नहीं मिला। इस बीच उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक अस्पताल की प्रबंधक डॉ. अलका राय ने शुक्रवार को मऊ कोतवाली पहुंचकर आरोप लगाया कि उनके साथ साजिश हो रही है। राय ने मऊ कोतवाली में तहरीर देकर कहा कि बाराबंकी के पते से पंजीकृत एंबुलेंस से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इसे मुख्तार अंसारी और अपने विरोधियों की साजिश बताया।

उन्होंने न्याय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने हाल में पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को दो सप्ताह के भीतर सौंप दे। पीठ ने अंसारी द्वारा दायर उस याचिका को भी खारिज कर दिया था जिसमें अनुरोध किया गया था कि उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को राज्य से बाहर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाए। अंसारी की पत्नी ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आशंका व्यक्त की थी कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद पंजाब से उत्तर प्रदेश लाये जाने के दौरान मुख्तार अंसारी को फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।

गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद एवं मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने एक न्यूज एजेंसी से फोन पर बातचीत में आरोप लगाया, कि भाजपा के लिए मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एजेंडा हो गए हैं। इस बीच मोहाली की एक अदालत ने मुख्तार अंसारी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने उनकी चिकित्सकीय जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर जेल अधिकारियों को निर्देश देने के अनुरोध किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित बख्शी की अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय अंसारी की चिकित्सकीय जांच के संबंध में याचिका पर पहले ही विचार कर चुका है। मोहाली अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि 26 मार्च को शीर्ष अदालत के फैसले के बाद रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे लगे कि आरोपी का फिर से कोई नया चिकित्सा संबंधी मामला है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!