Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Sep, 2025 10:36 AM

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों की पिटाई को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सत्ताधारियों के बीच आपसी वर्चस्व की...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों की पिटाई को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सत्ताधारियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई बताया है। उन्होंने मांग की है कि भाजपा सरकार घायलों का समुचित इलाज करवाए और 1-1 लाख का मुआवजा भी दे।
‘मुख्य’ पिटवा रहे हैं, ‘उप’ पिटों का हाल पूछने आ रहे हैं…
अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर लिखा, “ ये भाजपावाले इसी तरह बहलाते हैं… पहले आपसी झगड़े में ख़ुद ही बल भर पिटवाते हैं… फिर दिखावटी माफ़ी माँगने के लिए कान में फुसफुसाते हैं… उसके बाद ‘हड्डी तक पहुंची’ चोटों पर बातों का ‘बाहरी-ऊपरी’ मलहम लगाते हैं।” यादव ने कहा कि छात्र पूछ रहे हैं ‘मुख्य’ पिटवा रहे हैं, ‘उप’ पिटों का हाल पूछने आ रहे हैं… आख़िर ये मामला क्या है? छात्र कराहते हुए आपस में बुदबुदा रहे हैं कि ‘या तो दोनों मिले हैं या भिड़े हैं।’ यादव ने कहा, “जानकार कह रहे हैं दरअसल ये सत्ताधारियों के बीच अपना वर्चस्व साबित करने की अंदरूनी लड़ाई है। ये ‘परिषद’ बनाम ‘वाहिनी’ के दो पाटों के बीच पिस रहे और पिट रहे लोगों का मामला है।”
भाजपा किसीकी सगी नहीं है
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस ऐतिहासिक पिटाई और घर-घर तक पहुंच चुके ‘घनघोर पिटाई के वीडियो’ के बाद ये छात्र सोच रहे हैं कि अब किस मुंह से हम कहेंगे कि हम सत्ताधारी लोगों के खेमे के हैं। इस पिटाई ने उनकी पोर-पोर ही नहीं बल्कि आंखें भी खोल दी हैं और अब वो भी कह रहे हैं, ये बात तो सच निकली कि ‘भाजपा किसीकी सगी नहीं है।’
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद, शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने बाराबंकी के सीओ (शहर) हर्षित चौहान, शहर के कोयवाली प्रभारी निरीक्षक आरके राणा, गड़िया पुलिस चौकी प्रभारी को हटा दिया। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लखनऊ-देवा रोड पर श्री राम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू) के बाहर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) नेताओं पर लाठीचार्ज के एक दिन बाद, मंगलवार को यह मुद्दा तब भड़क गया जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कैसरबाग के पास एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया।