देहरादून में ट्रायल, मेरठ में सेटअप... इंटर पास करने के बाद बेरोजगार चलाने लगा अवैध मिनी टेलिफोन एक्सचेंज, हर दिन हो रही थी 35 हजार की कमाई!

Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 Mar, 2025 01:25 AM

after passing intermediate the unemployed started running an illegal mini

मेरठ पुलिस ने एक फर्जी मिनी टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर रहे एक गिरोह को धर दबोचा है। पुलिस टीम ने फ़र्ज़ी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले 4 बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से भारी संख्या में एक्सचेंज के उपकरण मोबाइल, लैपटॉप, एक्सचेंज बोर्ड और भारी...

Meerut News, (आदिल रहमान): मेरठ पुलिस ने एक फर्जी मिनी टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर रहे एक गिरोह को धर दबोचा है। पुलिस टीम ने फ़र्ज़ी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले 4 बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से भारी संख्या में एक्सचेंज के उपकरण मोबाइल, लैपटॉप, एक्सचेंज बोर्ड और भारी संख्या में सिम कार्ड बरामद किए हैं। जहां पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि फ़र्ज़ी टेलीफोन एक्सचेंज करा रहे ये शातिर बदमाश इंटरनेशनल VOIP काल को वाइस कॉल में चेंजकर देश की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए, अर्थव्यवस्था को भी मोटा चूना लगा रहे थे। जिसके कारण सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके 3 फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
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इंटरनेशनल कॉल के जरिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़
दरअसल, मेरठ के लिसाड़ी गेट पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए मुखबिर की सूचना पर लिसाड़ी गेट क्षेत्र के लख्खीपुरा में चल रहे फर्जी मिनी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा है। जहां पुलिस टीम ने लक्कीपुरा के रहने वाले जुनैद, शाकिब, हारिश और आसिफ को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने की मशीन, लैपटॉप और भारी संख्या में सिम कार्ड सहित मोबाइल बरामद किए हैं। वहीं इस मामले पर एसपी देहात ने बताया कि आरोपी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के द्वारा इंटरनेशनल कॉल के जरिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे और अर्थव्यवस्था को मोटा चूना लगा रहे थे। साथ ही उन्होंने बताया कि आरोपी इंटरनेशनल VOIP कॉल को वॉइस कॉल में चेंज कर बड़े पैमाने पर राजस्व के साथ-साथ देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए संकट पैदा कर रहे थे।
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जुनैद और जीशान ने की पूरी प्लानिंग
पुलिस जांच में सामने आया कि जुनैद और जीशान ने ये पूरी प्लानिंग की थी। इस धंधे को शुरू करने के लिए उन्होंने हाजी इरफान से चार लाख रुपये का इनवेस्टमेंट कराया था। उसे मुनाफे में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी देने का वादा किया था। इसके बाद इन्होंने आसिफ को इस गिरोह में शामिल कर लिया। उसने 3.45 लाख रुपये की लागत से यह अवैध कॉल एक्सचेंज तैयार किया। वहीं शाहरुख ने इस नेटवर्क को सिम कार्ड, सिम बॉक्स और टेक्निकल हेल्प की।

पहले देहरादून में किया था टेस्ट, फिर मेरठ में सेटअप
पुलिस ने बताया कि इस कॉल एक्सचेंज को पहले देहरादून में रिजवान के घर पर टेस्ट किया गया था, लेकिन नवंबर 2024 में इसे मेरठ में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद से यह धंधा लगातार चल रहा था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

12वीं क्लास पढ़ने के बाद बेरोजगार घूम रहा था जुनैद
एसपी देहात ने बताया कि आरोपी जुनैद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो 12वीं क्लास पढ़ने के बाद बेरोजगार घूम रहा था तभी उसकी मुलाकात समर कॉलोनी के रहने वाले हाजी इरफान से हुई। हाजी इरफान जुनैद को ट्रेनिंग दिलाने के लिए देहरादून ले गया और हाजी इरफान ने ही जुनैद को टेलीफोन एक्सचेंज की मशीन दी थी जिसके बाद जुनैद ने मवाना के रहने वाले आरिफ से संपर्क कर अपने भाई साकिब और अपने जीजा हारिश को भी अपने साथ लगा लिया और सभी मिलकर फर्जी मिनी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए रोज 30 हजार रुपए से लेकर 35 हजार रुपए तक कमाने लगे। वहीं अब पुलिस फरार हाजी इरफान और उसके फरार साथियों की तलाश कर रही है।

 

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