22 साल बाद साधु के भेष में बेटा अरुण नहीं ठग नफीस आया, इमोशनल वीडियो वायरल होने के बाद नया खुलासा

Edited By Imran,Updated: 10 Feb, 2024 06:21 PM

after 22 years son arun and not thug nafees came in the guise of a saint

यूपी के अमेठी जिले में स्कैम का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। पिछले 3 दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसे देखकर हर कोई इमोशनल हो रहा था। उस वीडियो में 22 साल बाद खोया हुआ लड़का साधू के भेस में अपने घर आया...

अमेठी: यूपी के अमेठी जिले में स्कैम का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। पिछले 3 दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसे देखकर हर कोई इमोशनल हो रहा था। उस वीडियो में 22 साल बाद खोया हुआ लड़का साधू के भेस में अपने घर आया है। वर्षों बाद अपने जिगर के टुकड़े को दरवाजे पर देख मां का हृदय द्रवित हो उठा, बुआ बेजार हो गई थी, लेकिन जब उस साधू का असलियत सामने आया तो सबके पैरे के नीचे से जमीन खिसक गई। 

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जायस के धरौली गांव में बुआ नीलम व उर्मिला के साथ साधु के भेष में बैठा साधु


दरअसल, कुछ दिन पहले खबर आई थी कि वहाँ जायस के खरौली गाँव में एक परिवार को साधु भेष में उनका खोया बेटा अरुण वापस मिला है। लेकिन अब खबर आई है कि वो कोई अरुण नहीं, बल्कि नफीस है जो परिवार से लाखों रुपए लूटने आया था। बता दें कि अरुण का परिवार अपने बेटे की शक्ल वाले साधु भेष में घूम रहे शख्स को देख फफक पड़े थे। उन्होंने उसे अपना बेटा अरुण मान लिया था।

 

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परिजनों के साथ बैठा ठग नफीस

बेटा नहीं बल्कि ठग नफीस निकला
एक ध्रुतबाज युवक को अपना बेटा समझकर परिवारवाले कोशिश कर रहे थे कि वह साधु का भेष छोड़ गृहस्थ जीवन जीने लगे। पहले तो इसके लिए उस शख्स ने मना किया, लेकिन बाद में फोन कर कहने लगा कि अगर उसे वापस पाना है तो उसके मठ को 10 लाख रुपए देने होंगे। अपने बेटे को पाने की चाह में पिता ने आव देखा न ताव झट से अपनी 14 बिस्वा जमीन बेचकर बेटा वापस पाने की तैयारी में जुट गए। पूरा सौदा 3 लाख 60 हजार में जाकर तय हुआ। लेकिन इसी बीच पता चला कि जिस लड़के के लिए परिवार अपना सबकुछ बेचने के तैयार हो गया है वो उनका बेटा नहीं बल्कि ठग नफीस है जो असल में गोंडा के टिकरिया गाँव का है।

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पिता के साथ खाना खाता हुआ ठग नफीस की फोटो

भाई ने साधू बन मिर्जापुर में एक परिवार को लूटा
मिली जानकारी के अनुसार,  नफीस जिस गाँव का रहने वाला है वहाँ के कुछ लोग ठगी के आरोप में जेल तक जा चुके हैं। नफीस का खुद का भाई राशिद 29 जुलाई 2021 को जोगी बनकर मिर्जापुर के सहसपुरा परसोधा गाँव पहुँचा था। वहाँ भी बुधिराम विश्वकर्मा का बेटा रवि 14 साल पहले गायब हुआ था। उस परिवार ने भी राशिद को अपना बेटा रवि समझ घर में जगह दे दी थी। बाद में वही राशिद लाखों लेकर फरार हो गया था।

नफीस के रिश्तेदार भी कर चुके है ठगी
नफीस और उसके भाई के अलावा उसके रिश्तेदार भी इस स्कैम में माहिर हैं। दरअसल, वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी कल्लू राजभर के घर 14 जुलाई 2021 को 15 वर्ष पहले गायब पुत्र सुनील साधु के भेष में घर पहुंचा और कल्लू की पत्नी से जोग सफल बनाने के लिए मां कहकर भिक्षा मांगने लगा। बाद में सुनील बने साधु की पहचान गोंडा के टिकरिया गांव के मुकेश के भाई के रूप में हुई। जो नफीस का चचेरा ससुर लगता है।

22 वर्ष पहले दिल्ली में गायब हुआ था अरुण
जिस बेटे को अमेठी का परिवार आज खोज रहा है वह लड़का पिता के साथ दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा अरुण 2002 में गायब हो गया था। 22 वर्ष बाद अरुण की शक्ल में साधु के भेष में सारंगी बजाकर एक युवक जायस के खरौली गांव भिक्षा मांग रहा था। परिवारजन युवक को पहचान लिया। भतीजा की सूचना पर दिल्ली से युवक के पिता व अन्य परिवारजन 27 जनवरी को गांव पहुंच 22 वर्ष पहले गायब हुए बेटे से मुलाकात की। गायब बेटे को पाकर सभी बिलख पड़े। बेटे को दोबारा धाम न जाने का अनुरोध करने लगे। बातचीत धीरे-धीरे सौदेबाजी में बदल गई।
 

 

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