Edited By Purnima Singh,Updated: 06 Dec, 2025 12:15 PM

कानपुर की एक लगभग बंद पड़ी दुकान से शुरू हुआ पेपर पर बना साम्राज्य अब 3,000 करोड़ रुपये तक के विशाल बैंक लोन घोटाले की तरफ़ इशारा कर रहा है .....
कानपुर (प्रांजुल मिश्रा) : कानपुर की एक लगभग बंद पड़ी दुकान से शुरू हुआ पेपर पर बना साम्राज्य अब 3,000 करोड़ रुपये तक के विशाल बैंक लोन घोटाले की तरफ़ इशारा कर रहा है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) द्वारा दर्ज 32 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में राजेश बोथरा की गिरफ्तारी के बाद यह पूरा मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। CBI अब इस कथित वित्तीय घोटाले की परतें एक-एक करके खोल रही है।
तीन कंपनियां, एक ही खेल- ‘Frost’ समूह का पूरा सिस्टम
CBI और बैंक रिकॉर्ड बताते हैं कि बोथरा से जुड़े गुट ने ‘Frost’ ब्रांड के नाम पर तीन कंपनियां चलाईं:
Frost Infrastructure & Energy Ltd (FIEL)
Frost International Ltd
Frost Global Ltd
कागज़ों में ये अलग-अलग कंपनियां थीं, लेकिन असल संचालन, फंड का मूवमेंट और नियंत्रण बोथरा और उनके नज़दीकी लोगों के हाथ में ही था। कानपुर के बिरहाना रोड पर मौजूद छोटी-सी दुकान- जहां आमतौर पर कोई गतिविधि नजर नहीं आती थी- यहीं से रजिस्टर्ड कंपनियों को लगभग 3,000 करोड़ का बैंक कंसोर्टियम लोन मंजूर हुआ।
कौन-कौन से बैंक लोन में शामिल थे..?
19 मार्च 2021 की CBI FIR में जिन सरकारी बैंकों के नाम दर्ज हैं उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। हालांकि, कार्रवाई केवल PNB ने की और गिरफ्तारी भी उसी के केस में हुई।
धोखाधड़ी कैसे की गई? CBI का आरोप
CBI के मुताबिक बोथरा और उनके साथियों ने फर्जी Bills of Lading तैयार किए, नकली खरीद–बिक्री के लेनदेन दिखाए, दो ऑफशोर कंपनियों- Fareast Distribution & Logistics और Gulf Distribution Ltd- के जरिए बड़े पैमाने पर फर्जी व्यापार खड़ा किया जांच का नेतृत्व CBI लखनऊ के एएसपी संजय शर्मा कर रहे हैं।

पैसे का सफर- भारत से दुबई, फिर भारतीय स्टार्टअप्स तक
दस्तावेज़ों के मुताबिक पूरा चेन कुछ इस तरह चला
1. भारतीय बैंकों से Frost समूह को भारी क्रेडिट लाइन मिली
2. रकम पहुंची Fareast Distribution & Logistics में
3. Fareast ने फर्जी इनवॉइस बनाईं
4. पैसा दुबई की Landmark Investment Shipping में ट्रांसफर हुआ
5. दुबई से यह रकम भारत के कई बड़े स्टार्टअप्स में निवेश कर दी गई, जैसे—
*Swiggy
*Faasos
*BlueStone
*Sugar Cosmetics
*HomeLane
*Beer Café
*Travel Triangle
इन निवेशों की जांच अभी जारी है कि पैसा वैध था या मनी-लॉन्ड्रिंग के जरिए लौटाया गया निवेश।
बाकी बैंक चुप क्यों...?
कंसोर्टियम में 6 बैंक थे, लेकिन कार्रवाई सिर्फ़ PNB कर रहा है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पुराने अप्रूवल्स में वरिष्ठ बैंक अधिकारियों की भूमिका पर प्रश्न उठ सकते हैं प्रक्रिया संबंधी जवाबदेही से बचने की कोशिश भी हो सकती है फिर भी, किसी भी बैंक ने इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। 3,000 करोड़ की संभावित धोखाधड़ी के बावजूद यह केस वर्षों तक सुर्खियों से बाहर रहा।
जांचकर्ताओं के अनुसार, बोथरा हमेशा लो-प्रोफाइल रहते थे कंपनियों की संरचना इतनी उलझी हुई थी कि मीडिया और एजेंसियों की नज़र आसानी से नहीं पहुंच सकी। CBI की वर्तमान कार्रवाई के बाद अब बड़ा सवाल है कि क्या बाकी बैंक भी FIR दर्ज करेंगे? क्या PNB के 32 करोड़ के केस से शुरू हुई जांच आखिरकार पूरे 3,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का खुलासा करेगी..? आने वाले दिनों में CBI की प्रगति इस बड़े वित्तीय रहस्य पर से कई और पर्दे उठा सकती है।