'RSS देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन', नोट छापने वाले मदरसे में पुलिस को मिली किताब

Edited By Imran,Updated: 03 Sep, 2024 05:03 PM

rss is the biggest terrorist organization of the country

यूपी के प्रयागराज जिले में नकली नोट छापने वाले मदरसे 'जामिया हबीबी' से छापे के दौरान पुलिस को किताब बरामद हुई है। जिसमें आरएसएस को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन बताया गया है। किताब का नाम देखकर पुलिस भी दंग रह गई। बता दें कि अतरसुइया के मदरसे में...

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज जिले में नकली नोट छापने वाले मदरसे 'जामिया हबीबी' से छापे के दौरान पुलिस को किताब बरामद हुई है। जिसमें आरएसएस को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन बताया गया है। किताब का नाम देखकर पुलिस भी दंग रह गई। बता दें कि अतरसुइया के मदरसे में चल रहा था नकली नोट छापने का कारोबार हाल ही में पुलिस ने छापा मारकर मदरसे के मौलाना सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। 
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पत्र का हिंदी उच्चारण

इस पुस्तिका के लेखक एस. एम। मुशर्रफ ने बहुत गहराई से अध्ययन किया है और बहुत ही कम लेकिन व्यापक शब्दों में एक बेहद खतरनाक, ख़तरनाक और आतंकवादी संगठन का असली चेहरा देश के सामने पेश किया है। RSS की इजाजत के बिना भारत में कोई पक्षी उड़ नहीं सकता। इतना शक्तिशाली और प्रभावशाली होने के कारण इसने महान देश की सभी महत्वपूर्ण संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया है। नतीजा यह है कि देश के हर कारोबार में उनका दखल दिन-रात जारी है। हमारा व्यापक अध्ययन हमें बताता है कि उनकी अनुमति के बिना देश में कोई भी बड़ी लेकिन महत्वपूर्ण घटना नहीं हो सकती। हमारी ये सभी बातें पाठकों को अतिरंजित लग सकती हैं। लेकिन आरएसएस भी इस बात को मानता है और वो आए दिन हमें अपने रास्ते की घोषणाएं और छुपी धमकियां देता रहता है। अंततः सवाल यह है कि क्या इस संगठन की ताकत का पूरा एहसास होने के बावजूद हम यह कदम उठाकर आत्महत्या नहीं कर रहे हैं? लेकिन अगर हम इस प्यारे देश के इतिहास का बारीकी से अध्ययन करें तो पाएंगे कि हमारे कई सुधारकों को इस कठिन रास्ते से गुजरना पड़ा। वस्तुतः आरएसएस का गठन ही स्वतंत्रता संग्राम का विरोध करने के लिए हुआ था। वर्तमान समय में आरएसएस और उसके पहले आर्यभट्ट ब्राह्मण घाटियों ने न केवल बहुसंख्यक संप्रदाय को लूटा है, बल्कि ऐसी व्यवस्था स्थापित की है कि देश में अनार का यह लंबा दौरा हमेशा बना रहे। इसलिए हम पूरी जिम्मेदारी और जान हथेली पर लेकर यह पुस्तिका पाठकों को सौंप रहे हैं।

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जानिए क्या था पूरा मामला? 

शहर के अतरसुइया इलाके के एक मदरसे में नकली नोट छापने की फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ हुआ था। यह खेल मौलवी की देखरेख में चल रहा था। पुलिस ने मौलवी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर डेढ़ लाख रुपये नकली नोट बरामद किया है। बुधवार को आरोपियों को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया। बताया जा रहा है कि यह धंधा काफी दिनों से चल रहा था। यहां से नकली नोट छापकर कई स्थानों पर सप्लाई की जा रही थी।
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अतरसुइया इलाके में स्थित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद ए आजम में नकनी नोट छापने की फैक्टरी चल रही थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा तो खलबली मच गई। पुलिस ने मौके से डेढ़ लाख रुपये नकली नोट बरामद करते हुए मौलवी मोहम्मद तफ्सीरुल समेत उसके गिरोह के सदस्य मोहम्मद अफजल, मोहम्मद शाहिद और आफरीन को गिरफ्तार कर लिया। मौलवी तफ्सीरुल मूल रूप से उड़ीसा का रहने वाला है। गिरोह का सरगना जहीर खान भी उड़ीसा में मौलवी के ही गांव का रहने वाला है।

नकली नोट से चल रही थी आजीविका
मौलाना के साथ पकड़े गए सभी आरोपियों की जीविका नकली नोट से ही चल रही थी। पूछताछ में पता चला है कि नकली नोट के बदले मिलने वाली असली नोट को वह अपने परिवार के सदस्यों को देते थे और खुद भी खर्च करते थे। कई बार नकली नोट का इस्तेमाल करके घरेलू और दूसरी जरूरत का सामान लेते थे। सभी लोग योजनाबद्ध तरीके से यह काम कर रहे थे और करीबियों को इसके बारे में नहीं बताते थे। इस गैंग में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पुलिस व एसओजी टीम पता लगा रही है।

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