Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Jul, 2025 08:37 AM

Greater Noida: उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के अच्छेजा बुजुर्ग गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां 7 साल का मासूम तैमूर 11 हजार वोल्ट की हाई वोल्टेज बिजली लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसके दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए। हालत गंभीर...
Greater Noida: उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के अच्छेजा बुजुर्ग गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां 7 साल का मासूम तैमूर 11 हजार वोल्ट की हाई वोल्टेज बिजली लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसके दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए। हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरन उसके दोनों हाथ कोहनी से काटने पड़े।
हादसे की वजह: नंगी हाई वोल्टेज लाइन
परिवार और गांव वालों का कहना है कि गांव की गलियों के ऊपर से 11,000 वोल्ट की नंगी बिजली लाइन गुजर रही थी। लोग कई बार बिजली विभाग से शिकायत कर चुके थे कि यह लाइन बच्चों और लोगों के लिए खतरा बन चुकी है, लेकिन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
कैसे हुआ हादसा?
22 मई की शाम करीब 4 बजे, 7 साल का तैमूर अपने दोस्तों के साथ पड़ोसी की छत पर खेल रहा था। इसी दौरान वह हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गया और भयानक रूप से झुलस गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि उसकी जान बचाने के लिए दोनों हाथों को कोहनी से काटना जरूरी था।
FIR दर्ज, बिजली विभाग पर आरोप
हादसे के बाद पीड़ित परिवार ने थाना दनकौर में FIR दर्ज करवाई है। FIR में UPPCL दनकौर बिजलीघर के एसडीओ, जेई समेत 4 अधिकारियों को नामजद किया गया है। तैमूर के पिता नाशौद अली का आरोप है कि विभाग की लापरवाही ने उनके बेटे का बचपन बर्बाद कर दिया।
गांव वालों में गुस्सा और डर
गांव वालों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन हर बार उनकी बात अनसुनी कर दी गई। अब जब हादसा हो चुका है, तो पूरे इलाके में गुस्से और डर का माहौल है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या किसी मासूम की जिंदगी तबाह हो जाने के बाद ही विभाग जागेगा?
क्या जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई?
यह घटना ना सिर्फ बिजली विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुरक्षा को कितना नजरअंदाज किया जा रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में वास्तव में कोई कार्रवाई करता है या फिर यह केस भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।