Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Sep, 2024 11:02 AM
Kanpur News: कानपुर जिले में गंगा नदीं में स्नान के दौरान उत्तर प्रदेश के हेल्थ डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर की डूबने से मौत हो गई थी। पिछले 9 दिनों से हादसे के बाद जज की तलाश के लिए NDRF, SDRF और पीएसी के 200 से ज्यादा जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे...
Kanpur News: कानपुर जिले में गंगा नदीं में स्नान के दौरान उत्तर प्रदेश के हेल्थ डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर की डूबने से मौत हो गई थी। पिछले 9 दिनों से हादसे के बाद जज की तलाश के लिए NDRF, SDRF और पीएसी के 200 से ज्यादा जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसी दौरान आज सुबह (9 सितंबर) गोताखोरों की टीम ने उनका शव बरामद कर लिया। शव की बरामदगी गंगा बैराज से हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गंगा बैराज से बरामद शव हेल्थ डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह का ही है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए नवाबगंज थाने में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही शव को गांव लाया जाएगा और इसके बाद अंतिम संस्कार नानामऊ घाट पर किया जाएगा।
10 हजार नहीं होने के चलते डूब गए थे डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के हेल्थ डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्तों के साथ कानपुर जिले में गंगा नदी में नहाने के लिए गए थे। इस दौरान सेल्फी लेने के चक्कर में वो गंगा में डूबने लगे। मौके पर मौजूद उनके दोस्तों ने वहां गोताखोरों से मदद मांगी लेकिन, गोताखोरों ने कहा कि पहले 10 हजार रुपए दो तभी वह उनके दोस्त को डूबने से बचाएंगे। उस समय मृतक के दोस्तों के पास 10 हजार रुपए कैश में नहीं थे। जिसके बाद गोताखोरों ने उन्हें साथ ही एक दुकान पर पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहा लेकिन जब तक वे पैसे ट्रांसफर करते तब तक डिप्टी डायरेक्टर डूब चुके थे।
मृतक डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की पत्नी हैं जज
कानपुर के नाना मऊ घाट पर गंगा में डूबे उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज हैं। जबकि उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार में सीनियर आईएएस हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। मृतक आदित्य वर्धन सिंह की बहन विदेश में हैं, उनके माता-पिता भी बहनों के साथ ही रहते हैं। वहीं पिछले 9 दिनों से उनकी तलाश की जा रही थी। घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद परिवार वालों ने भी बॉडी मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी। इसके अलावा रेस्क्यू में जुटे अधिकारियों को भी डिप्टी डायरेक्टर की बॉडी मिलने की उम्मीद नहीं थी।