Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Sep, 2025 04:00 PM

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति में देरी अब संबंधित अधिकारियों को भारी पड़ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस लापरवाही को गंभीरता से...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति में देरी अब संबंधित अधिकारियों को भारी पड़ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए 100 से अधिक अधिकारियों की सूची तैयार करवाई है। इनमें से 14 अधिकारियों को तत्काल प्रतिकूल प्रविष्टि (Adverse Entry) दी गई है।
शिक्षा योजनाओं में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि छात्रों के हितों से जुड़ी योजनाओं में कोताही किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "SC, ST और OBC छात्रों की स्कॉलरशिप समय पर मिलना सरकार की प्राथमिकता है। इसमें देरी भविष्य के साथ खिलवाड़ है।"
जांच में सामने आईं गड़बड़ियां, हुई त्वरित कार्रवाई
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को कई जिलों से स्कॉलरशिप में देरी और अनियमितता की शिकायतें मिली थीं। जांच में सामने आया कि कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर प्रक्रियाओं में देरी की। परिणामस्वरूप 14 अफसरों को दंडित किया गया, जबकि 100 से अधिक अधिकारियों को चेतावनी देकर उनकी कार्यशैली पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
स्कॉलरशिप योजना का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर SC, ST और OBC छात्रों को उच्च शिक्षा में सहयोग देने के लिए चलाई जाती है। लेकिन समय पर वितरण नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है और योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
अब आगे क्या?
सीएम ने साफ निर्देश दिए हैं कि यदि भविष्य में इस तरह की शिकायतें दोहराई जाती हैं, तो कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जिलों को समयबद्ध रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए निर्देशित किया गया है।