Edited By Anil Kapoor,Updated: 02 Sep, 2025 07:31 AM

Sambhal News: संभल मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जब तक यह तय नहीं हो जाता कि मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल कौन सी SLP (स्पेशल लीव पिटीशन) वैध है, तब तक कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। अब यह मामला दो हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई...
Sambhal News: संभल मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जब तक यह तय नहीं हो जाता कि मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल कौन सी SLP (स्पेशल लीव पिटीशन) वैध है, तब तक कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। अब यह मामला दो हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, मस्जिद की इंतजामिया (प्रबंधन) कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने चंदौसी की एक निचली अदालत के विवादित स्थल के सर्वे के आदेश को सही ठहराया था।
SLP को लेकर उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पामिदिघंटम् श्रीनरसिम्हा और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मस्जिद कमेटी के वकील सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने बताया कि इस मामले में दो अलग-अलग SLP दाखिल की गई हैं। पहली SLP पर जस्टिस खन्ना की पीठ पहले ही आदेश दे चुकी है। दूसरी SLP मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष की ओर से अधिकृत पत्र के साथ दाखिल की गई है। अब सवाल यह है कि इनमें से कौन-सी याचिका कानूनी रूप से वैध है।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को जांच का आदेश
कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह यह जांच कर रिपोर्ट दाखिल करे कि एक ही मुद्दे पर दाखिल दोनों SLP में से कौन-सी सही तरीके से और अधिकारपूर्वक दाखिल की गई है। यह रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की सुनवाई की जाएगी।
अब तक का अंतरिम आदेश रहेगा जारी
मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मांग की कि अब तक जारी अंतरिम आदेश को खत्म किया जाए। उनका कहना था कि नवंबर 2023 के अंतरिम आदेश में कहा गया था कि याचिकाकर्ता हाई कोर्ट जा सकते हैं। अब उनकी पुनर्विचार याचिका (Review Petition) का भी निपटारा हो चुका है, इसलिए अब ट्रायल (मुख्य सुनवाई) पर रोक नहीं होनी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने कहा कि अभी ये केवल अंतरिम आदेश है और इस पर बाद में विचार किया जाएगा।
ट्रायल पर रोक को लेकर क्या कहा कोर्ट ने?
एएसजी (ASG - अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल) ने कोर्ट को बताया कि पहले कहा गया था कि ट्रायल रोका जाना जरूरी नहीं है। इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि वह इस बात को स्पष्ट करेगा और इसे भी रजिस्ट्री की रिपोर्ट के साथ ही देखा जाएगा।
अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद
एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने कहा कि 12 दिसंबर 2023 का आदेश देखा जाना चाहिए, जिसमें तीन जजों की पीठ ने स्पष्ट किया था कि ट्रायल जारी नहीं रह सकता। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम पहले यह तय करेंगे कि वास्तविक याचिकाकर्ता कौन है, फिर ही हम आगे की सुनवाई करेंगे। अंत में कोर्ट ने निर्देश दिया कि यह मामला दो हफ्ते बाद फिर से लिस्ट किया जाए। तब तक के लिए अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा।