Edited By Imran,Updated: 04 Apr, 2024 11:57 AM
प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट है गाजीपुर। इस सीट की संसदीय संख्या 75 है, इतिहासकारों के मुताबिक गाजीपुर की स्थापना तुगलक वंश के शासन काल में सैय्यद मसूद गाजी ने की थी। लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसका प्राचीन नाम गाधिपुर था, जिसे बाद...
Loksabha Election 2024: प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट है गाजीपुर। इस सीट की संसदीय संख्या 75 है, इतिहासकारों के मुताबिक गाजीपुर की स्थापना तुगलक वंश के शासन काल में सैय्यद मसूद गाजी ने की थी। लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसका प्राचीन नाम गाधिपुर था, जिसे बाद में बदल कर गाजीपुर किया गया। गाजीपुर में ही अंग्रेजों ने 1820 में विश्व में सबसे बड़े अफीम के कारखाने की स्थापना कि जिसे इस शहर ने आज भी संजो कर रखा है। बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास की तो पहला चुनाव यहां 1957 में हुआ और इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हर प्रसाद सिंह संसद पहुंचे। 1962 के चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ सिंह गहमरी संसद पहुंचे। 1967 के चुनाव में सीपीआई के एस पांडेय यहां से चुनाव जीते। 1971 में सीपीआई के सरजू पांडेय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के गौरी शंकर राय चुनाव जीते।1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस से जैनुल बशर चुनाव जीत कर संसद पहुंचे...1989 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जगदीश ने यहां चुनाव जीता।
वहीं 1991 के चुनाव में सीपीआई के विश्वनाथ शास्त्री यहां से जीते। 1996 के चुनाव में पहली बार यहां बीजेपी का खाता खुला..और मनोज सिन्हा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। जिसके बाद 1998 के चुनाव में सपा का भी खाता खुला और ओमप्रकाश यहां से सांसद बने। 1999 के चुनाव में मनोज सिन्हा दुबारा यहां से सांसद चुने गए। 2004 में अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के खाते से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में सपा के राधे मोहन सिंह यहां से संसद पहुंचे, वहीं 2014 की मोदी लहर में मनोज सिन्हा तीसरी बार यहां से जीत कर संसद पहुंचे। जिसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा के मनोज सिन्हा यहां जीत का परचम लहराया।
गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा
गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें जखनियां, सैदपुर, गाजीपुर, जमनियां और जंगीपुर विधानसभा शामिल है।
अगर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकडों पर नजर डालें तो। यहां की चार विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अपना कब्जा जमाया तो वहीं भाजपा की गठबंधन साथी सुभासपा ने जखनियां विधानसभा सीट पर अपना परचम लहराया था। इससे पहले हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में जमनियां और गाजीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी , सैदपुर और जंगीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी और जखनियां सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने चुनाव जीता।
एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट पर कुल वोटरों की संख्या 18 लाख 51 हज़ार 875 थी। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 9 हज़ार 99 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 42 हज़ार 712 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 64 थी।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो बसपा के अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को 1 लाख 19 हजार 392 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। बसपा के अफजाल अंसारी को कुल 5 लाख 66 हजार 082 वोट मिले थे...तो वहीं भाजपा के मनोज सिन्हा को कुल 4 लाख 46 हजार 690 वोट मिले थे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के रामजी 33 हजार 877 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
गाजीपुर लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खाते से मनोज सिन्हा तीसरी बार सांसद बने। मनोज सिन्हा को इस चुनाव में कुल 3 लाख 6 हज़ार 929 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर सपा की शिवकन्या कुशवाहा रही। शिवकन्या को कुल 2 लाख 74 हजार 477 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के कैलाश नाथ सिंह यादव रहे। कैलाश को कुल 2 लाख 41 हजार 645 वोट मिले।
एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2009 के लोकसभा चुनाव में सपा के राधे मोहन सिंह चुनाव जीते थे। राधे मोहन सिंह को कुल 3 लाख 79 हज़ार 233 वोट मिले थे। तो वहीं दूसरे नंबर पर बसपा से अफजाल अंसारी रहे थे। अफजाल को कुल 3 लाख 9 हजार 924 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रभुनाथ रहे थे प्रभुनाथ को कुल 21 हज़ार 679 वोट मिले थे।
एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2004 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और चुनाव जीते। इस चुनाव में अफजाल अंसारी को कुल 4 लाख 15 हज़ार 687 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बीजेपी के मनोज सिन्हा रहे, मनोज सिन्हा को कुल 1 लाख 88 हज़ार 910 वो मिले, तीसरे नंबर पर बसपा के उमाशंकर रहे। उमाशंकर को कुल 1 लाख 85 हज़ार 120 वोट मिले।
गाजीपुर सीट पर मुस्लिम मतदाता काअहम भूमिका
गाजीपुर लोकसभा सीट पर हुए 17 चुनावों में 5 बार कांग्रेस तो वहीं तीन-तीन बार भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। जनता पार्टी और सीपीआई को भी इस सीट पर तीन-तीन बार सफलता मिली है तो वहीं बसपा और स्वतंत्र पार्टी भी एक-एक बार यहां से जीते है। गाजीपुर लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता एक अहम भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में उनकी आबादी लगभग 3 लाख बताई जाती है। यादव, दलित और मुस्लिम वोटरों को मिला लिया जाए तो गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के कुल वोटरों की आधी आबादी हो जाती है। मुस्लिम वोटरों के बाद कुशवाहा समाज के वोटर आते है, जिनकी संख्या तकरीबन ढाई लाख मानी जाती है। गाजीपुर से मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के खेमे से मोर्चा संभालते नजर आएंगे।
इसका ऐलान समाजवादी पार्टी ने पहले ही कर दिया था तो वहीं भाजपा ने इस सीट पर अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले है।पिछली बार भाजपा ने मनोज सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारा था। जिन्हें अफजाल अंसारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद अगले ही साल मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का उप-राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया था। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस बार अपने खेमे से किसे कौन चुनावी रण में उतारेगी। हाल ही में माफिया मुख्तार अंसारी के निधन के बाद बड़े भाई अफजाल अंसारी का लोकसभा चुनाव में पलड़ा भारी होता दिखाई दे रहा है। लेकिन अफजाल के लिए राह इतनी आसान नहीं होने वाली क्योंकि पिछली बार की गठबंधन साथी बसपा इस बार अलग से उम्मीदवार उतार सकती है। जो सीधे तौर पर अफजाल अंसारी के वोट बैंक में चोट कर सकता है।