Edited By Pooja Gill,Updated: 23 Aug, 2025 03:35 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न्यायिक व्यवस्था का सुगम और त्वरित होना आवश्यक है...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न्यायिक व्यवस्था का सुगम और त्वरित होना आवश्यक है। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन में न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने न्यायपालिका को सुशासन का रक्षक बताते हुए कहा कि इसके सुदृढ़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता हैः योगी
सीएम योगी ने कहा कि “सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है, जब हमारी न्यायिक व्यवस्था सुगम, त्वरित और सुलभ हो।” योगी ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण आवश्यक है तथा इसके लिए एक मजबूत और त्वरित न्यायिक व्यवस्था अनिवार्य है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अवसर पर योगी ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस दौरान उन्होंने न्यायिक सेवा संघ के लिए 50 करोड़ रुपये का ‘कॉर्पस फंड' देने की घोषणा की।
'यूपी में देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय मौजूद है'
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी उपस्थित न्यायमूर्तियों, अवकाश प्राप्त न्यायमूर्तियों और प्रदेश भर से आए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अधिवेशन ऐसे समय में आयोजित हुआ, जब भारत अपने संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना ‘न्याय, स्वतंत्रता और बंधुता' इस आयोजन का आधार है। योगी ने गर्व के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय मौजूद है। योगी ने कहा, ‘‘प्रयागराज में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ और लखनऊ में इसकी पीठ प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। यह न केवल हमारे लिए, बल्कि देश और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की छवि को विश्वास के रूप में प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।''