Edited By Ramkesh,Updated: 11 Aug, 2025 05:50 PM

त्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विधानसभा में नेता विरोधी दल के साथ गोरखपुर में कथित दुर्व्यवहार के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और आसन के निकट आकर सरकार विरोधी नारे लगाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विधानसभा में नेता विरोधी दल के साथ गोरखपुर में कथित दुर्व्यवहार के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और आसन के निकट आकर सरकार विरोधी नारे लगाए। इस बीच, हंगामे को देखते हुए सदन को 43 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में माहौल उस समय गर्म हो गया जब सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विरोधी दल को जवाब देते हुए कहा, ‘‘व्यापारियों ने आपका विरोध इसलिए किया कि आप वहां बिन बुलाए मेहमान की तरह टपक गये। ये नहीं होना चाहिए। आपका तो व्यापारियों ने सम्मान किया, अगर कोई और होता तो उसको कायदे से सही ढंग से जवाब भी देते।
योगी के बयाना पर विपक्ष ने काटा हंगामा
योगी के इस बयान पर आक्रोशित सपा के सदस्यों ने मामले की जांच की मांग करते हुए आसन के निकट आकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। दरअसल, सपा सदस्य, नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय के 25 जून के गोरखपुर दौरे के दौरान कथित दुर्व्यवहार को लेकर खफा था और वे इस मामले में जांच कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचे सदस्यों ने ‘‘पांडेय जी का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान'' और ‘‘नेता विरोधी दल का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान'' जैसे नारे लगाए। हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष सतीश महाना ने सुबह 11 बजकर 37 मिनट पर पहले 15 मिनट के लिए सदन स्थगित किया और फिर इसकी अवधि बढ़ाकर 12 बजकर 20 मिनट तक कर दी। सपा सदस्यों के इस हंगामे के बीच ‘‘प्रश्नकाल'' समाप्त हो गया और सिर्फ सपा के सिंबल पर सिराथू सीट से चुनी गईं अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ही अपना एक तारांकित प्रश्न का पूरक प्रश्न ही पूछ सकीं।
‘‘विरासत गलियारा'' के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़
विधानसभा सत्र की शुरुआत में ‘‘वन्दे मातरम्'' के बाद समाजवादी पार्टी के डॉ. संग्राम यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। महाना ने हस्तक्षेप किया लेकिन उन्होंने कहा कि 25 जून को गोरखपुर में ‘‘विरासत गलियारा'' के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न के मामले में नेता विरोधी दल वहां दौरे पर गये थे और संवैधानिक पद पर होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जेसीबी लगाकर उन्हें रोका और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को नेता विरोधी दल को सदन में रखना चाहिए। इसके बाद नेता विरोधी दल ने कहा, ‘‘मैं इस मामले को तूल नहीं देना चाहता।'' हालांकि, उन्होंने 25 जून के दौरे की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मेरे साथ अभद्र व्यवहार हुआ, अपशब्द कहे गए, मेरी गाड़ी तोड़ी गई।'' उन्होंने नेता सदन (योगी आदित्यनाथ) की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘जब इनकी पार्टी के लोग किसी नेता के साथ यह व्यवहार करेंगे तो लोकतंत्र कैसे जीवित रहेगा। आप (योगी) लोकतंत्र के रक्षक हैं और आपके क्षेत्र में इस तरह की हरकत होगी तो क्या संदेश जाएगाा।'' उन्होंने सरकार पर उनके संभल, बहराइच और फिर गोरखपुर दौरे में व्यवधान डालने का आरोप लगाया। माता प्रसाद पांडेय का जवाब देते हुए नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘सपा और लोकतंत्र नदी के दो छोर हैं जो कभी एक नहीं हो सकते।'' उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘इन लोगों का लोकतंत्र में कब से विश्वास हो गया, इनके मुंह से यह शब्द शोभा नहीं देते हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने नहीं, व्यापारियों ने किया था आप का विरोध
स्वाभाविक रूप से सपा सरकार में इन लोगों ने संभल में जो किया था... आज जब वहां पर शुद्धिकरण का कार्य किया जा रहा है तो वहां पर आपको हवन करना है, तब तो ठीक बात है, लेकिन अनावश्यक रूप से हर जगह माहौल खराब करना ठीक नहीं है।'' योगी ने आरोप लगाया, ‘‘संभल हो चाहे बहराइच, या गोरखपुर हर जगह सपा यही करती है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पांडेय जी आप वरिष्ठ हैं और इस उम्र में लोग अनावश्यक रूप से आपको मोहरा बना कर आपके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधने का प्रयास कर रहे हैं।'' उन्होंने ‘विरासत गलियारा' के लिए किये जा रहे प्रयासों का ब्योरा देते हुए कहा, ‘‘विकास के लिए आप लोगों ने कुछ नहीं किया। विरासत गलियारा के लिए आपके दौरे से तीन दिन पहले हमने व्यापारियों से बात की थी और वह गोरखपुर की सबसे पुरानी मंडी है, पुराना बाजार है, अवैध कब्जा दूर कर वहां सड़क बनाई जा रही है।'' योगी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार अगर विकास करना चाहती है तो आप (सपा) लोगों को बुरा लगता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पांडेय जी आप विकास के लिए नहीं, राजनीति करने के लिए (गोरखपुर) गये थे, आपका विरोध भाजपा कार्यकर्ताओं ने नहीं, व्यापारियों ने किया था।
मुद्दा केवल राजनीतिक बना रही है सपा
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘व्यापारियों ने इसलिए विरोध किया कि आप वहां बिन बुलाए मेहमान की तरह टपक गये। ये नहीं होना चाहिए। आपका तो व्यापारियों ने सम्मान किया, अगर कोई और होता तो उसको कायदे से सही ढंग से जवाब भी देते, क्योंकि सपा से यह उम्मीद की ही नहीं जा सकती कि वे सुरक्षा और विकास की बात करेंगे।'' वहीं, माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि गोरखपुर में व्यापारियों ने उनका सम्मान किया और उन्हें माला पहनाई। हालांकि इसके पहले, उत्तर प्रदेश सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ‘‘नेता विरोधी दल ने जो मसला उठाया उसका जवाब नेता सदन ने दे दिया।'' खन्ना ने कहा कि यह मुद्दा केवल राजनीति से प्रेरित है, इसलिए इसमें जांच का कोई औचित्य नहीं है।
सपा सदस्यों ने काटा हंगामा
दो बार सदन स्थगित करने के बाद अध्यक्ष महाना ने 12 बजकर 21 मिनट पर फिर से सदन की कार्यवाही शुरू की लेकिन सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने जमे रहे और नारेबाजी करते रहे। सपा सदस्यों के शोर शराबे और हंगामे के बीच उन्होंने विधायी कार्यों का निपटारा किया। सपा सदस्यों के जांच की मांग पर अड़े रहने के बीच महाना ने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष का इतना बड़ा सम्मान है और उनके विषय में कोई जांच कराना शोभा नहीं देता है।'' इस बीच नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष से मांग रखी, ‘‘आप अपने स्तर से ही जांच करा लें, यह आपका अधिकार है।'' इस पर महाना ने कहा, ‘‘जांच तो सरकार को करानी होती है, मेरे द्वारा कोई जांच नहीं होती है। जांच सरकार की एजेंसी करती है।'' इसके बाद वह लगातार सदस्यों से सीट पर जाने का अनुरोध करते रहे। सपा सदस्यों का हंगामा जारी रहने से अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे से शुरू होगी। इसके पहले सदन से बाहर विधानसभा भवन परिसर में सपा सदस्यों ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।