Edited By Pooja Gill,Updated: 24 Jul, 2025 01:43 PM

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर में गिरावट के बीच संक्रामक बीमारियों के दस्तक देने का खतरा गहराने लगा है। सूत्रों ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान फाफामऊ में गंगा नदी का...
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर में गिरावट के बीच संक्रामक बीमारियों के दस्तक देने का खतरा गहराने लगा है। सूत्रों ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 56 सेंटीमीटर और छतनाग में 67 सेंटीमीटर कम हुआ है, जबकि नैनी में बीते 24 घंटे में यमुना नदी का जलस्तर 61 सेंटीमीटर घटा है, आज सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 81.17 मीटर और छतनाग में 80.13 मीटर दर्ज किया गया, जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 80.59 मीटर दर्ज किया गया।
बाढ़ का पानी उतरने के बाद लगा गंदगी का अंबार
प्रयागराज के कई रिहायशी इलाको से बाढ़ का पानी पूरी तरह से उतर चुका है, हालांकि बाढ़ का पानी उतरने के बाद इन इलाकों में बाढ़ के साथ आई गंदगी का अंबार लगा है, जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा खड़ा हो गया। नगर निगम की तरफ से जिन इलाकों में पानी उतर गया है, वहाँ पर दवाइयों तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है और मेडिकल की टीम भी वहाँ मौजूद है।
कई गांव में अभी भी चल रही नाव
झूंसी के बदरा सुनौटी इलाके में अभी भी बाढ़ का पानी बना हुआ है, जिससे इन गांवों के लोगों का संपर्क शहर से कटा हुआ है। इसी इलाके में अभी भी नाव चल रही है और लोगों के लिए शहर आगमन के लिए नाव ही एक सहारा बनी हुई है बच्चे स्कूल नही जा पा रहे है। वहीं, ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से इलाके में एक पुल बनाए जाने की मांग की है।