नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है सरकार: संदीप सिंह

Edited By Ramkesh,Updated: 10 Jul, 2025 07:13 PM

the government is bringing a revolutionary change

मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को किताबी ज्ञान से आगे ले जाकर कौशल, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है। इसी कड़ी में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभ किया गया 'सीखते हैं करके' (लर्निंग...

लखनऊ (सत्या सिंह): मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को किताबी ज्ञान से आगे ले जाकर कौशल, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है। इसी कड़ी में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभ किया गया 'सीखते हैं करके' (लर्निंग बाई डूइंग) कार्यक्रम राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की परिभाषा ही बदल रहा है।

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पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों  को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए चलाया जा रहा है कार्यक्रम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर उतारते हुए यह कार्यक्रम बच्चों को कक्षा 6 से 8 में पढ़ाई के साथ-साथ काष्ठ कर्म , धातु कार्य, ऊर्जा व पर्यावरण, कृषि-बागवानी, स्वास्थ्य व पोषण जैसे विषयों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दे रहा है। यह पहल शिक्षा को रोजगार और जीवन कौशल से जोड़ने की मुख्यमंत्री योगी की प्राथमिक सोच को मूर्त रूप दे रही है।

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 60 स्किल आधारित गतिविधियों का शिक्षक मैनुअल विकसित
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार यह कहा है कि उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है, तो शिक्षा को कौशल से जोड़ना ही होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विज्ञान और गणित के शिक्षकों को मल्टी स्किलिंग पर चार दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि वे छात्रों को पधने के साथ उन्हें उनके वास्तविक जीवन के लिए तैयार करें। राज्य सरकार ने UNICEF और विज्ञान आश्रम के तकनीकी सहयोग से 60 स्किल आधारित गतिविधियों का शिक्षक मैनुअल विकसित किया है, जिसे SCERT द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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2274 स्कूलों में लैब, लाखों बच्चों को मिलेगा लाभ
2024-25 में इस कार्यक्रम का विस्तार करते हुए राज्य के 75 जिलों के 2274 उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में आधुनिक LBD लैब्स की स्थापना की गई है। प्रत्येक लैब को 205 प्रकार के आधुनिक उपकरणों और औजारों से सुसज्जित किया गया है। इसके लिए स्कूल प्रबंधन समितियों (SMCs) को उपभोज्य सामग्री और कच्चा माल उपलब्ध कराया गया है। ज्ञातव्य है कि इससे पहले पायलट परियोजना के तहत 15 जिलों के 60 विद्यालयों में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था, जहाँ 5,937 विद्यार्थियों ने विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम के प्रभाव से स्कूलों में उपस्थिति दर और शिक्षण में रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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2025-26 में और 3288 स्कूलों में विस्तार की तैयारी
योगी सरकार इस अभिनव कार्यक्रम को अगले चरण में और 3288 नए विद्यालयों में लागू करने की योजना पर कार्य कर रही है। समग्र शिक्षा और पीएमश्री योजना के अंतर्गत इसका विस्तार होगा, जिससे लाखों छात्र-छात्राएं व्यावसायिक शिक्षा से लाभान्वित होंगे।

‘श्रम की गरिमा’ को मिला मंच
कार्यक्रम ने न सिर्फ बच्चों को नया कौशल सिखाया, बल्कि ‘श्रम की गरिमा’ का बोध भी कराया। खास बात यह रही कि लड़कियों ने भी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क और वर्कशॉप गतिविधियों में खुलकर भाग लिया, जिससे लैंगिक समानता को बल मिला है।

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