Edited By Ramkesh,Updated: 23 May, 2025 08:12 PM

सूबे की सरकार प्रदेश भर में जाति भेदभाव खत्म करने का दावा कर रही है, लेकिन इन सरकारी दावे से उलट तस्वीरें देखने को मेरठ से मिली जहां पर गांव के बाहर एक बोर्ड लगाकर गांव को " ठाकुरों का गांव " घोषित कर दिया गया है। इतना ही नहीं आरोप ये भी है जब दलित...
मेरठ (आदिल रहमान): सूबे की सरकार प्रदेश भर में जाति भेदभाव खत्म करने का दावा कर रही है, लेकिन इन सरकारी दावे से उलट तस्वीरें देखने को मेरठ से मिली जहां पर गांव के बाहर एक बोर्ड लगाकर गांव को " ठाकुरों का गांव " घोषित कर दिया गया है। इतना ही नहीं आरोप ये भी है जब दलित बिरादरी के लोगों ने इस बात का विरोध किया तो दूसरी बिरादरी के लोगों ने दलितों पर हमला करते हुए फायरिंग कर डाली।
दरअसल, इंचौली थाना क्षेत्र के गांव बहचौला गांव के बाहर ठाकुर समाज ने बोर्ड लगाकर गांव को " ठाकुरों का गांव " घोषित कर दिया। उसके बाद यह मामला चर्चाओं का विषय बन गया। आरोप है कि जब दलित बिरादरी के लोगों ने बोर्ड का विरोध करते हुए थाना पुलिस से शिकायत की तो किसी अज्ञात ने इस बोर्ड को हटा दिया। जिसका आरोप पीड़ितों पर लगाते हुए ठाकुर बिरादरी के लोगों ने दलित बिरादरी के लोगों के घरों पर हमला करते हुए जमकर फायरिंग कर डाली।
पीड़ितों का आरोप है कि उन्होंने इस घटना की शिकायत थाना पुलिस से भी की लेकिन पुलिस ने उल्टा पीड़ितों को ही परेशान कर रही है जिसके चलते पीड़ितों ने एसएसपी के दरबार में न्याय की गुहार लगाई है। वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने पीड़ितों को कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है ।