Edited By Ramkesh,Updated: 08 Feb, 2023 12:32 PM
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ मंडल के IAS और IPS अफसरों की छुट्टी 15 फरवरी तक रद्द कर दी है। इसी बीच बिना सूचना दिए लापता चल रहे यूपी कैडर के IAS अभिषेक सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
लखनऊ: ( अश्वीनी कुमार सिंह ): ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ मंडल के IAS और IPS अफसरों की छुट्टी 15 फरवरी तक रद्द कर दी है। इसी बीच बिना सूचना दिए लापता चल रहे यूपी कैडर के IAS अभिषेक सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो IAS अभिषेक सिंह करीब तीन महीने से लापता हैं। बता दें कि IAS अभिषेक सिंह गुजरात चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर अपनी कुछ तस्वीरें शेयर कर काफी सुर्खियों में आए। चुनाव आयोग ने इस पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया था।
आयोग ने गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को कड़े शब्दों में लिखे एक पत्र में कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2011 बैच के अधिकारी अभिषेक सिंह ने सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में अपनी नियुक्ति की जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल किया। सूत्रों ने पत्र का हवाला देते हुए बताया कि आयोग ने इस मामले को ‘‘बेहद गंभीरता से लिया’’ और उन्हें सामान्य पर्यवेक्षक की भूमिका से तत्काल मुक्त कर दिया। सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपनी पहचान में खुद को आईएएस के अलावा एक जन सेवक, कलाकार और सामाजिक उद्यमी बताया है। उन्होंने ट्विटर पर भी उन तस्वीरों को साझा किया है, जो उन्होंने इंस्टाग्राम पर साझा किया था।
हालांकि अभिषेक सिंह ने इस मामले में सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा कि उनके पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं है और वह ‘‘न तो प्रचार है और न ही स्टंट’’।आयोग ने अगले आदेश तक उस अधिकारी को चुनाव संबंधी कोई भी जिम्मेदारी सौंपे जाने पर रोक लगा दी थी। गौरतलब साल 2015 में IAS अभिषेक 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए थे। साल 2018 में प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 साल के लिए बढ़ाई गई। लेकिन उस दौरान वह मेडिकल लीव पर चले गए। इसके बाद दिल्ली सरकार ने उन्हें 19 मार्च 2020 को मूल कैडर यूपी वापस भेज दिया। उन्होंने यूपी में लंबे समय तक जॉइनिंग नहीं की। 10 अक्टूबर 2022 को नियुक्ति विभाग ने उनका पक्ष मांगा तो इतनी लंबे समय तक लापता रहने का कोई उत्तर भी नहीं दिया गया।