Edited By Pooja Gill,Updated: 08 Jul, 2024 12:07 PM
Hathras stampede case: स्वयंभू बाबा भोले बाबा के वकील ए पी सिंह ने आरोप लगाया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया कि दो जुलाई को हाथरस में हुए सत्संग के दौरान भीड़ में कुछ लोगों ने जहरीले पदार्थ से भरे डिब्बे खोले थे...
Hathras stampede case: स्वयंभू बाबा भोले बाबा के वकील ए पी सिंह ने आरोप लगाया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया कि दो जुलाई को हाथरस में हुए सत्संग के दौरान भीड़ में कुछ लोगों ने जहरीले पदार्थ से भरे डिब्बे खोले थे, जिससे भगदड़ मच गई। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने भगदड़ के पीछे साजिश होने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह भोले बाबा की "बढ़ती लोकप्रियता" के चलते रची गई।
15-16 लोग जहरीले पदार्थ के डिब्बे लेकर आए थेः वकील
बता दें कि हाथरस में बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा' के 'सत्संग' में मची भगदड़ में 121 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इस घटना के बाद वकील ए पी सिंह ने दावा किया, "प्रत्यक्षदर्शियों ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वहां 15-16 लोग जहरीले पदार्थ के डिब्बे लेकर आए थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोल दिया। मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और उससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई, चोटों के कारण नहीं।" भगदड़ के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "घटनास्थल पर लोगों को भागने में मदद करने के लिए वाहन खड़े थे। हमारे पास सबूत हैं और हम उन्हें पेश करेंगे। यह पहली बार है जब मैं इसके बारे में बोल रहा हूं।"
मामले में अब तक नौ लोग गिरफ्तार
भगदड़ मामले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शनिवार को हाथरस पुलिस ने कहा कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा ‘सत्संग' के लिए संदिग्ध वित्तपोषण किए जाने की भी जांच कर रही है जिसमें "सबसे सख्त संभव" कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारियों ने कहा कि मधुकर 'सत्संग' का मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाला व्यक्ति था, जहां 80 हजार की अनुमत सीमा के विपरीत 2.5 लाख से अधिक लोग एकत्र हुए। स्थानीय सिकंदरा राव थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम आरोपी के रूप में नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा' से भी पूछताछ की जाएगी, जांच आयोग के एक सदस्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग अपनी जांच के लिए आवश्यक किसी भी व्यक्ति से बात करेगा।