Edited By Umakant yadav,Updated: 06 Sep, 2021 07:36 PM
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर शायद ही आप अपना हंसी रोक पाएं। यहां ग्राम पंचायत अमृतपुर में घोटाले की शिकायत पर जांच करने पहुंचे डीपीआरओ को मौके पर इंटरलॉकिंग सड़क नहीं मिली। पूछताछ में ग्राम सचिव ने कहा कि साहब...
चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर शायद ही आप अपना हंसी रोक पाएं। यहां ग्राम पंचायत अमृतपुर में घोटाले की शिकायत पर जांच करने पहुंचे डीपीआरओ को मौके पर इंटरलॉकिंग सड़क नहीं मिली। पूछताछ में ग्राम सचिव ने कहा कि साहब सड़क तो यही बनाई थी लगता है चोरी हो गई है। इस पस फटकार लगाते हुए डीपीआरओं ने कहा कि सड़क कैसे चोरी हो सकती है, अगर चारी हुई भी तो मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराए। इस पर सचिव के पास कोई जवाब नहीं थी, लिहाजा बंगले झांकने लगे।
दरअसल, गांव के शिकातकर्ता विनेद कुमार यादव ने जिलाधिकारी को बताया कि प्राथमिक विद्यालय विनायकपुर में टाइल्स, प्राथमिक विद्यालय ब्रिंदावन में स्नानागार तथा इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कराए बिना लाखों रूपए की सरकारी धनराशि का बंदरबाट कर लिया गया है। इसमें लापरवाही करने पर शनिवार को ही एडओ पंचायत प्रविष्टि दी गई।
वहीं डीएम के निर्देश पर निरक्षण करने पहुंचे डीपीआरओ ब्रह्मचारी दूबे को मौके पर सड़क नहीं मिली। जबकि पंचायत सचिव ने डीएम को बताया था कि बलवंत यादव के घर के पास इंटरलॉकिंग बना दी गई है। वहीं 171 शौचालय निर्माण में भी खामिया पाई गई। जिसके बाद डीपीआरओ ने पंचायत सचिव गुड्डू प्रसाद को जेल जाने की चेतावनी दी और कहा अब तुम्हें कोई नहीं बचा सकता।