यूपी बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क से अधिक लिया तो निजी विद्यालयों की खैर नहीं

Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Jul, 2024 03:26 PM

private schools cannot charge more than examination fee prescribed by up board

निजी विद्यालय बोर्ड की ओर से निर्धारित शुल्क से अधिक परीक्षा शुल्क नहीं ले सकते। ऐसा करने पर उस विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूल की मान्यता भी निरस्त की जा सकती है।

लखनऊ: निजी विद्यालय बोर्ड की ओर से निर्धारित शुल्क से अधिक परीक्षा शुल्क नहीं ले सकते। ऐसा करने पर उस विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूल की मान्यता भी निरस्त की जा सकती है। यह बात माध्यमिक शिक्षा परिषद में सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद भगवती सिंह ने कही। उन्होंने कहा विद्यालय द्वारा अभिभावकों से यदि ज्यादा शुल्क की मांग होती है तो वह सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बोर्ड की ओर से निर्धारित परीक्षा शुल्क का पूरा विवरण बोर्ड की वेबसाइट www.upmsp.edu.in पर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षकों को भी ध्यान रखना होगा कि निजी स्कूल मनमानी न कर सकें।

500 का 5 हजार रुपये वसूलते हैं निजी स्कूल
निजी विद्यालय बोर्ड की ओर से निर्धारित शुल्क से 10 गुना अधिक परीक्षा शुल्क वसूलते हैं। सत्र 2024-25 में परीक्षा शुल्क हाईस्कूल के लिए 500 से 700 रुपये और इंटरमीडिएट के लिए 600 से 800 रुपये है।
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1500 रु. तक वसूला जाता है टीसी शुल्क
निजी विद्यालय टीसी का शुल्क भी 1000 से 1500 रुपये तक वसूल रहे हैं। जबकि बोर्ड में टीसी का शुल्क 100 रुपये ही निर्धारित है। टीसी पर काउंटर हस्ताक्षर के नाम पर ये शुल्क वसूला जाता है।

10वीं का परीक्षा शुल्क

■ संस्थागत 500.75 रुपये 

■ क्रेडिट सिस्टम 200.70 रुपये

■ व्यक्तिगत 706 रुपये

■ क्रेडिट सिस्टम 306 रुपये

■ अतिरिक्त विषय 206 रुपये

12वीं का परीक्षा शुल्क

■ संस्थागत 600.75 रुपये

■ कॉमर्शियल 600.75 रुपये

■ व्यावसायिक अनुत्तीर्ण 806 रुपये

■ अतिरिक्त विषय 206 रुपये

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