Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Aug, 2019 03:47 PM
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर उग्र प्रदर्शन कर रहे शाहबेरी गांव के 26 फ्लैट खरीदारों को सूरजपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया और अन्य लोगों को वहां से बस में भरकर घर वापस भेज दिया।
नोएडाः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर उग्र प्रदर्शन कर रहे शाहबेरी गांव के 26 फ्लैट खरीदारों को सूरजपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया और अन्य लोगों को वहां से बस में भरकर घर वापस भेज दिया।
थाना सूरजपुर के प्रभारी निरीक्षक मुनीष चौहान ने बताया कि सुबह सैकड़ों की संख्या में शाहबेरी गांव के फ्लैट खरीदार हाथों में तिरंगा लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन करने पहुंचे। ये लोग प्राधिकरण कार्यालय में जबरन घुसना चाह रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वे उग्र हो गए और पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। थाना प्रभारी ने बताया कि 26 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया और अन्य को बस में भरकर उनके घर भेज दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा चलाई गई लाठी से कई महिला-पुरुषों को चोटें आई हैं।
शाहबेरी फ्लैट खरीदारों की संघर्ष समिति के प्रवक्ता मुकुल त्यागी ने कहा कि गांव में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ सांठ-गांठ कर हजारों की संख्या में फ्लैट बनवा दिए। करीब 25 हजार लोगों ने शाहबेरी में बने फ्लैट खरीदे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने इन फ्लैटों को अवैध घोषित कर दिया है और इन्हें असुरक्षित करार देकर सील किया जा रहा है। अभी हाल में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मंत्री सतीश महाना के साथ फ्लैट खरीददारों और प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें तय किया गया था कि जांच में असुरक्षित पाए जाने पर ही फ्लैटों को गिराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी बैठक में हुए करार को दरकिनार कर फ्लैट सील करने लगे हैं। संघर्ष समिति के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी मांग है कि जब तक फ्लैटों की सुरक्षा जांच नहीं हो जाती तब तक किसी भी फ्लैट को सील न किया जाए। अगर उनके फ्लैट असुरक्षित पाए जाते हैं तो उन्हें गिरा दिया जाए, लेकिन उसके एवज में या तो उन्हें फ्लैट दिए जाएं या मुआवजा। अगर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऐसा नहीं करता है तो वे अपने फ्लैटों को नहीं गिराने देंगे।