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झांसी के इतिहास से खिलवाड़: महज 20 साल पुराना शहर है झांसी, नगर निगम की कारगुजारी पर फूटा जनाक्रोश

Edited By Mamta Yadav,Updated: 30 Oct, 2022 08:12 PM

playing with the history of jhansi jhansi is only 20 years old city

उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी की प्राचीनता के सभी प्रमाणों को धता बताते हुए नगर निगम ने इस ऐतिहासिक नगर को मात्र 20 साल पुराना बताते हुए प्रशासन को भेजी गयी इसकी जन्मतिथि 07 फरवरी 2002 बता दी है जिसकी जानकारी होते ही आम जन से लेकर सभी राजनीतिक...

झांसी: उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी की प्राचीनता के सभी प्रमाणों को धता बताते हुए नगर निगम ने इस ऐतिहासिक नगर को मात्र 20 साल पुराना बताते हुए प्रशासन को भेजी गयी इसकी जन्मतिथि 07 फरवरी 2002 बता दी है जिसकी जानकारी होते ही आम जन से लेकर सभी राजनीतिक दलों, इतिहासकारों, प्रबुद्धवर्ग और समाज के हर तबके में भारी आक्रोश नजर आ रहा है।       
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7 फरवरी 2002 को झांसी के जन्मदिवस की तारीख
समाज के हर वर्ग के लोगों ने नगर निगम की इस कारगुजारी की कड़े शब्दों में निंदा की है। लगभग 600 साल पुराने इतिहास वाली झांसी के प्रार्दुभाव को लेकर कोई एक निश्चित तिथि नहीं मिल पाने के कारण नगर निगम के अधिकारियों ने नगर निगम ने  स्थापना दिवस की तारीख सात फरवरी 2002 को ही झांसी के जन्मदिवस की तारीख बता दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि सब इतिहासकरों और प्रबुद्ध वर्ग की समिति से विचार विमर्श कर किया गया है दूसरी ओर समिति के कई सदस्यों ने नगर निगम द्वारा महानगर के इतिहास को लेकर दी गयी इस भ्रामक जानकारी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है।

समिति में शामिल पूर्व क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी ने कही ये बात
इस समिति में शामिल पूर्व क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एस के दुबे ने कहा कि नगर निगम की ओर से बताया गया था कि झांसी नगर की जन्मतिथि तय करके रिपोर्ट शासन को भेजनी है इसको लेकर बैठक की भी बात कही गयी थी लेकिन हमारी सहमति से कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें भी समाचार पत्र के माध्यम से आज ऐसी सूचना मिली है। इसको लेकर समिति के साथ विचार के बाद आमसहमति से महानगर की जन्मतिथि शासन को भेजे जाने की जो बात कहीं जा रही है वह पूरी तरह से भ्रामक है।       
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विश्व विख्यात है झांसी का इतिहास
इस मामले में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष और बुंदेलखंड के इनसाइक्लोपीडिया के नाम से जाने जाने वाले हरगोविंद कुशवाहा ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है उन्होंने ऐसी पूण्य और ऐतिहासिक नगरी के इतिहास के साथ छेड़छाड करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि नगर अपर आयुक्त मोहम्मद कमर को पद से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने एक ऐतिहासिक नगर के बारे में शासन को ऐसी रिपोर्ट आखिर किस तरह से भेज दी। झांसी के पूरे इतिहास को नकारते हुए उन्होंने झांसी को 20 साल पुराना बता दिया। यहां का इतिहास तो रानी से भी पहले का है जब 1757 में नौरूशंकर यहां आये उन्होंने नगर का परकोटा बनवाया, शिव मंदिर बनवाया। उनके लगभग सौ साल बाद यहां महारानी लक्ष्मीबाई का काल है तो इस पूरी ऐतिहासिकता को नकारते हुए झांसी को 20 साल पुराना बताना पूरी तरह से हास्यास्पद नहीं तो और क्या है।       

अपर नगर आयुक्त ने पद का दुरूपयोग किया...महरोत्रा
दूसरी ओर समिति के वरिष्ठ सदस्य और इतिहासकार मुकुंद महरोत्रा ने भी कहा है कि हमने तिथि को लेकर ऐसी कोई सहमति नहीं दी थी तो अपर नगर आयुक्त ने कैसे ऐसी भ्रामक जानकारी शासन को भेज दी। मेरा उन पर सीधा आरोप है कि इसकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की है। इस मामले में उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग किया है। इतिहास के साथ छेड़छाड करने वाले अधिकारी कुर्सी पर रहने लायक नहीं हैं। उनके द्वारा भेजी गयी यह रिपोर्ट शासन में दर्ज हो जायेगी इसे रद्द किया जाना चाहिए। समिति को भंग कर उसकी अनुशंसाओं को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से निवेदन है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और इतिहास के साथ खिलवाड करने वाले इन अपर नगर आयुक्त के व्यक्तिगत कारनामों को जांच की जाए, साथ ही सच्चाई को जनता के सामने उजागर किया जाना चाहिए।       

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेत प्रदीप जैन आदित्य ने भी इस पूरे मामले में नगर निगम को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि झांसी के इतिहास से पूरी दुनिया वाकिफ है लेकिन झांसी नगर निगम को कोई जानकारी नहीं। शासन की ओर से भेजे गये पत्र में झांसी की स्थापना दिवस के बारे में जानकारी मांगी गयी थी तो नगर निगम के अधिकारियों ने झांसी के वर्तमान और इतिहास के साथ एक भद्दा मजाक करते हुए शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा कि झांसी का गठन सात फरवरी 2022 को हुआ। ऐसा करके अधिकारियों ने झांसी की जनता का अपमान किया है। ऐसा करने वाले लोग जनता से माफी मांगे। हम सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, व्यापार मंडलों से आह्वान करेंगे कि इस मामले में शासन को पत्र लिखें। अधिकारियों से कहेंगे कि वह तत्काल अपनी गलती मानें तो सभी इतिहासकारों को बुलाकर झांसी नगर की आयु का निर्धारण करें।       

समाजवादी नेता अरविंद वशिष्ठ ने भी कहा कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा घोषित की गयी झांसी की जन्मतिथि को लेकर गंभीर आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने तुरंत प्रभाव से ऐसी रिपोर्ट को निरस्त किये जाने की मांग की। इस मामले को लेकर चारों ओर से उठ रहे विरोध को देखते हुए अपर नगर आयुक्त भी बैकफुट पर आ गये और उन्होंने कहा कि यह समिति की एक अनुशंसा थी। झांसी की जन्मतिथि को लेकर किसी एक तिथि पर सहमति नहीं बन पाने के कारण नगर निगम की स्थापना की तिथि को ही नगर की जन्मतिथि मानकार र्प्रेक्षित कर दिया गया था लेकिन अब अगर लोगों को आपत्ति है तो समिति अनुशंसाओं को रद्द कर नयी समिति का गठन किया जाना चाहिए।

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