Edited By Ramkesh,Updated: 16 Sep, 2024 05:50 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा हेतु आज आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि माँ त्रिपुर सुंदरी की कृपा भूमि त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा हेतु आज आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि माँ त्रिपुर सुंदरी की कृपा भूमि त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा हेतु आज आयोजित कार्यक्रम में पूज्य संत गण व त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा जी के साथ सम्मिलित होने का मौका मिला यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
पाकिस्तान मानवता के लिए कैंसर है
इस दौरान उन्होंने धर्म पर बयान देते हुए कहा कि केवल 'मुरली' से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए 'सुदर्शन' भी आवश्यक है। योगी ने कहा कि पाकिस्तान मानवता का कैंसर है। नासूर बन चुका है। बिना ऑपरेशन के इसका इलाज संभव नहीं। इसकी शुरुआत हो रही है। पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान में अलग होने की मांग शुरू हो गई है। सबसे ज्यादा भारतवासियों को सतर्क रहना होगा। हम सभी को ध्यान रखना होगा।
केवल 'मुरली' से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए 'सुदर्शन' भी आवश्यक
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार ने 'विकास और विरासत' के अभियान को सतत आगे बढ़ाया है। श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम का मंदिर निर्माण हो या त्रिपुरा में मां त्रिपुर सुंदरी के मंदिर के सुंदरीकरण एवं पुनरुद्धार का कार्य, सभी उसके साक्षात उदाहरण हैं। लेकिन कुछ लोगों को मंदिर बनने से दुख हो रहा है लेकिन हम क्या करें? मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी हमारे सामने भगवान कृष्ण की स्मृति आती है, तो उनके एक हाथ में मुरली और दूसरे हाथ में सुदर्शन होता है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है। जब सुदर्शन आपके पास होगा, तो श्री-श्री शांति कालीन महाराज जैसे संतों को बलिदान नहीं देना पड़ेगा।
अयोध्या, काशी और मथुरा सनातन के स्तंभ हैं
योगी ने कहा कि धर्म से जैसा व्यवहार करेंगे, धर्म भी उसी तरह से व्यवहार करेगा। अयोध्या, काशी और मथुरा सनातन के स्तंभ हैं। बांग्लादेश के हालात पर चिंतन करने की आवश्यकता है। 1947 से पहले कौन लोग थे, जो भारत के विभाजन के जिम्मेदार हैं। हमारी सनातन मान्यता रही है। यतो धर्मस्ततो जयते...यही हम सभी की शिक्षा है। हम सभी आज एक भारत-श्रेष्ठ भारत के रूप में पूरे देश के अंदर एक मजबूत भारत के लिए काम कर रहे हैं। आज त्रिपुरा के अंदर शांतिपूर्ण माहौल है। आज से 10 साल पहले ऐसा माहौल नहीं था। आज हमारी सरकार सभी के लिए काम कर रही है।