Edited By Umakant yadav,Updated: 28 Aug, 2021 03:56 PM

उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआई, एएसआई भर्ती मामले में सैंकड़ों अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने 609 पदों पर भर्ती मामले में कहा है कि वही अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठने के योग्य थे, जिनके पास...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआई, एएसआई भर्ती मामले में सैंकड़ों अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने 609 पदों पर भर्ती मामले में कहा है कि वही अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठने के योग्य थे, जिनके पास डुएक/एनआईईएलआईटी का ‘ओ’ लेवल सर्टिफिकेट था। इसके साथ ही कोर्ट ने बीटेक, बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) और बीसीए करने वाले अभ्यर्थियों को भी मौका देने का एकल पीठ का आदेश खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति दिनेश सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
'कुछ अभ्यर्थियों की याचिकाएं भर्ती प्रक्रिया के बाद दाखिल की गई थीं'
बता दें कि 26 मार्च 2021 को एकल पीठ ने एसआई-एएसआई के 609 पदों पर भर्ती मामले में 2016 के बावत सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर आदेश दिया था कि याचीगण ने जो कोर्स किए हैं, ‘ओ’ लेवल उन कोर्सेज का एक भाग है, लिहाजा पुनर्विचार किया जाए। याचियों का कहना था कि भर्ती विज्ञापन में ‘ओ’ लेवल की शैक्षिक योग्यता मांगी गई थी, जबकि याचीगण बीटेक, बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) और बीसीए की डिग्री ले चुके हैं। आदेश खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा 2016 के तत्कालीन नियम डुएक/ एनआईईएलआईटी से ‘ओ’ लेवल सर्टिफिकेट पाने वाले अभ्यर्थी ही इस परीक्षा के लिए योग्य थे। एकल पीठ के आदेश में इस नियम की अनदेखी की गई है। कोर्ट ने पाया कि कुछ अभ्यर्थियों की याचिकाएं भर्ती प्रक्रिया के बाद दाखिल की गई थीं।