Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Dec, 2025 07:14 AM

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आयोजित सहायक अध्यापक (LT ग्रेड) परीक्षा के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां ज्ञान भारती गर्ल्स इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर लखनऊ से परीक्षा देने पहुंची छात्रा नूर फातिमा को केवल इसलिए...
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आयोजित सहायक अध्यापक (LT ग्रेड) परीक्षा के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां ज्ञान भारती गर्ल्स इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर लखनऊ से परीक्षा देने पहुंची छात्रा नूर फातिमा को केवल इसलिए परीक्षा देने से रोक दिया गया क्योंकि वह नाक में नोज पिन पहने हुई थीं। नियमों के अनुसार परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह की मेटल वस्तु पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। यह घटना रविवार की है, जब कानपुर के 39 परीक्षा केंद्रों पर LT ग्रेड की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में करीब 23 हजार अभ्यर्थी शामिल होने पहुंचे थे। ज्ञान भारती गर्ल्स इंटर कॉलेज में सुबह 8:15 बजे तक ही अभ्यर्थियों को केंद्र में प्रवेश दिया जा रहा था।
दो मिनट की देरी और बंद हो गया गेट
नूर फातिमा का कहना है कि वह सुबह करीब 8 बजे परीक्षा केंद्र के अंदर पहुंच गई थीं। चेकिंग के दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि नाक में मेटल की नोज पिन पहनकर परीक्षा नहीं दी जा सकती। इसके बाद वह बाहर निकलकर अपने पति को नोज पिन देने गईं, लेकिन इसमें दो मिनट से ज्यादा का समय लग गया। जब वह दोबारा गेट पर पहुंचीं, तब तक प्रवेश का समय समाप्त हो चुका था और गेट बंद कर दिया गया था। छात्रा ने बताया कि परीक्षा अभी 9 बजे शुरू होनी थी, इसलिए उसने अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाई कि उसे अंदर जाने दिया जाए, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। छात्रा गेट के बाहर काफी देर तक रोती रही, लेकिन नियमों के कारण उसे प्रवेश नहीं मिला और उसका पेपर छूट गया।
तैयारी पूरी थी, नियम बन गए बाधा
नूर फातिमा ने कहा कि उसने परीक्षा की पूरी तैयारी की थी और एडमिट कार्ड या आवेदन पत्र में कहीं भी यह साफ नहीं लिखा था कि नाक की नथ या कील पहनकर परीक्षा देने पर रोक है। ठंड, कोहरे और दूर परीक्षा केंद्र मिलने की वजह से पहले ही उसे काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी, ऐसे में यह सख्ती उसके भविष्य पर भारी पड़ गई। मामले की जानकारी मिलने पर एसीपी आनंद झा भी परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और अधिकारियों से बात की, लेकिन परीक्षा नियमों का हवाला देते हुए छात्रा को अंदर नहीं जाने दिया गया। इसी परीक्षा केंद्र पर बांदा से आई एक अन्य छात्रा आकांक्षा गुप्ता को भी इसी कारण परीक्षा देने से वंचित रहना पड़ा।
नियमों पर उठे सवाल, प्रबंधन ने जताई मजबूरी
वहीं परीक्षा केंद्र की प्रधानाचार्या नीतू शर्मा ने बताया कि परीक्षा आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि अभ्यर्थी किसी भी तरह की मेटल वस्तु पहनकर परीक्षा नहीं दे सकते। साथ ही 8:15 बजे के बाद किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें छात्रा की स्थिति पर दुख है, लेकिन नियमों के कारण वह कोई छूट नहीं दे सकती थीं। इस घटना के बाद परीक्षा केंद्रों पर अपनाई जा रही सख्ती और नियमों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई लोगों का कहना है कि नियमों की जानकारी पहले से स्पष्ट रूप से दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी अभ्यर्थी के साथ ऐसा न हो।