नई प्रौद्योगिकी को पूरा महत्व दे रहा है NHAI, अब कम लागत में अच्छी सड़कों का होगा निर्माण : VK सिंह

Edited By Mamta Yadav,Updated: 06 May, 2022 08:16 PM

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नयी प्रौद्योगिकी को पूरा महत्व दे रहा है, ताकि कम लागत में अच्छी सड़कों का तेजी से निर्माण हो सके।

लखनऊ: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नयी प्रौद्योगिकी को पूरा महत्व दे रहा है, ताकि कम लागत में अच्छी सड़कों का तेजी से निर्माण हो सके।

सिंह ने एनएचएआई द्वारा यहां आयोजित एक बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "एनएचएआई नयी प्रौद्योगिकी को पूरा महत्व दे रहा है ताकि वह ऐसी सड़कों का निर्माण तेजी से कर सके, जो गुणवत्ता में अच्छी हों और उनकी लागत भी कम हो।" सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क नेटवर्क को मजबूत करने संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा, "भारतमाला परियोजना के तहत हमारा लक्ष्य है कि सीमावर्ती क्षेत्रों, आर्थिक गलियारों तथा दूसरे देशों के साथ हमारा सड़क संपर्क और बेहतर हो। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है।"

सड़कों का जाल बिछाने के लिए जमीन की खरीद में होने वाली समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, "जमीन को लेकर तो हर जगह कोई न कोई समस्या है। जब आप जमीन खरीदने जाते हैं तो कुछ न कुछ समस्या तो आती ही है। आखिर हम इसे जल्दी कैसे हल कर सकते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण का ख्याल किये बिना अच्छी सड़कों का निर्माण नहीं हो सकता। एनएचएआई की अध्यक्ष अलका उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा, "वर्ष 2014 से अब तक हमने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 2100 किलोमीटर लंबी सड़कों की 30 से अधिक परियोजनाएं पूरी की हैं। इनमें से ज्यादातर सड़कें चार या छह लेन के राजमार्ग हैं। इस समय करीब 22 किलोमीटर की लगभग 50 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसके निर्माण पर 73000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है।

उन्होंने कहा, "अमृत महोत्सव के अंतर्गत हमने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे रिकॉर्ड वृक्षारोपण करने का लक्ष्य तय किया है। अकेले उत्तर प्रदेश में आगामी मानसून के दौरान 10 लाख पेड़ लगाने की योजना है।" कार्यक्रम के दौरान एनएचएआई और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण आजीविका मिशन के बीच एनएचएआई की जमीन पर वृक्षारोपण के संबंध में एक अनुबंध पत्र पर दस्तखत भी किए गए।

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