Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 May, 2024 06:35 PM
यूं तो कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी की गाढ़ी कमाई को बैंकों में जमा कर उसे सुरक्षित महसूस करता है। साथ ही साथ बैंकों से मिलने वाली रकम को भी पूरी तरीके से सुरक्षित माना जाता है लेकिन जब बैंकों के जरिए ही आरबीआई को नकली नोट भेजने का मामला सामने आए तो...
Meerut News, (आदिल रहमान): यूं तो कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी की गाढ़ी कमाई को बैंकों में जमा कर उसे सुरक्षित महसूस करता है। साथ ही साथ बैंकों से मिलने वाली रकम को भी पूरी तरीके से सुरक्षित माना जाता है लेकिन जब बैंकों के जरिए ही आरबीआई को नकली नोट भेजने का मामला सामने आए तो हड़कंप मचना लाज़मी है। ऐसा ही सनसनीख़ेज़ मामला मेरठ से सामने आया है। जहां आरबीआई में नकली नोट जमा कराने को लेकर एक नहीं दो नहीं बल्कि 4 बैंक मैनेजर के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की कानपुर ब्रांच में बीते दिनों नकली नोट जमा किए गए। आरबीआई की ब्रांच में नकली नोट कहां से जमा किए गए जब इस बात की जांच की गई तो इस जांच में मेरठ के इंडियन बैंक, यूको बैंक, केनरा बैंक और पीएनबी बैंक का नाम सामने आया। जांच में दोषी पाए जाने पर आरबीआई की कानपुर ब्रांच के दावा अनुभाग के मैनेजर आईपीएस गहलोत की तहरीर पर मेरठ के सिविल लाइंस थाने में इन बैंकों के मैनेजरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बताया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक में दूसरे बैंकों की करेंसी के चेस्ट ब्रांच से आती है। इसमें नकली नोट काफी संख्या में मिले हैं और इन्हीं नोटों की जब जांच की गई तो सारा मामला खुलकर सामने आया।
जाली नोट चलाना, छापना ये सब भारतीय दंड संहिता की धारा 498ई के तहत एक बड़ा अपराध है और इसी के तहत जिन बैंकों के जरिए ये नकली नोट आरबीआई की ब्रांच में पहुंचे हैं उन्हीं बैंकों के मैनेजरों पर आरबीआई की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि आरबीआई के अधिकारियों के द्वारा मेरठ के सिविल लाइंस थाने में 5 रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं और इस मामले में जांच की जा रही है।