Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Oct, 2021 10:03 AM
गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड को लेकर एसआइटी फरार पुलिसकर्मियों की तलाश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में सस्पेंड और फरार चल रहे दारोगा अक्षय मिश्रा के बाराबंकी घर पर गोरखपुर एसआईटी टीम ने आज छापा मारा। इस दौरान दरोगा के बड़े बेटे को...
बाराबंकी: गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड को लेकर एसआइटी फरार पुलिसकर्मियों की तलाश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में सस्पेंड और फरार चल रहे दारोगा अक्षय मिश्रा के बाराबंकी घर पर गोरखपुर एसआईटी टीम ने आज छापा मारा। इस दौरान दरोगा के बड़े बेटे को एसआईटी टीम अपने साथ पूछताछ के लिए गोरखपुर ले गई।
बता दें कि गोरखपुर में हुए व्यापारी मनीष हत्याकांड में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और चौकी इंचार्ज दरोगा अक्षय मिश्रा नामजद आरोपी हैं। इंस्पेक्टर जगत नारायण के साथ तत्कालीन चौकी इंचार्ज रहे अक्षय मिश्रा के खिलाफ भी नामजद मुकदमा दर्ज है और वह भी काफी दिनों से फरार चल रहे हैं। चौकी इंचार्ज रहे अक्षय मिश्रा की तलाश में शुक्रवार को एसआईटी की टीम उसके बाराबंकी आवास विकास कॉलोनी स्थित घर पर पहुंची। आसपास के लोगों ने बताया कि पहले दरोगा के मकान का एसआईटी की टीम ने वीडियो बनाया। इसके बाद घर में गए और दरोगा के बड़े बेटे विक्की मिश्रा को अपने साथ ले गए।
गोरखपुर में हुए कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में फरार चल रहे आरोपी पुलिसकर्मियों पर इनाम घोषित कर दिया गया है। एसआईटी ने गोरखपुर के थाना रामगढ़ ताल के पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत सभी 6 पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है। बता दें कि गोरखपुर से केस कानपुर ट्रांसफर होने के बाद एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।
इन फरार पुलिसकर्मियों पर इनाम घोषित
जिन पुलिसकर्मियों पर इनाम घोषित किया गया है उनमें इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, एसआई अक्षय कुमार मिश्रा, एसआई विजय यादव, एसआई राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश सिंह यादव और सिपाही प्रशांत कुमार का नाम शामिल है। गौरतलब है कि घटना के बाद से ये सभी आरोपी पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं। वहीं, एसआईटी का दावा है कि इन सभी की तलाश की जा रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि कानपुर के जनता नगर (बर्रा) निवासी प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता सोमवार सुबह अपने साथियों हरवीर सिंह और प्रदीप के साथ कार से गोरखपुर पहुंचे थे। यहां तीनों दोस्त कृष्णा पैलेस होटल में रुके थे। मनीष के परिजनों का आरोप है कि सोमवार रात करीब 12:15 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची और लोगों से आईडी प्रूफ दिखाने को कहा। मनीष और पुलिसकर्मियों में बहस हुई। पुलिस वालों ने मनीष को मारा, जिससे उनकी मौत हो गई।