Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Feb, 2023 11:51 AM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां जलाने के मामले में पुलिस (Police) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 29 जनवरी को रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले दो आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा...
लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां जलाने के मामले में पुलिस (Police) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 29 जनवरी को रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले दो आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत केस दर्ज किया है। जिन आरोपियों पर रासुका लगा है वो पहले से ही जेल में बंद है। वहीं, इस मामले में दोषी पाए गए दूसरे आरोपियों पर भी कार्रवाई की गई है।
बता दें कि रामचरितमानस पर विवाद के 29 जनवरी को लखनऊ के पीजीआई वृंदावन कॉलोनी में रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं। इसका वीडियो वायरल हुआ था। रामचरितमानस की चौपाइयों के विरोध में उसकी प्रतियां जलाने पर पीजीआई थाने में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सहित 10 के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इनमें से पांच को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों में उतरेठिया के सलीम व सैनिक नगर के सत्येंद्र कुशवाहा भी शामिल थे। जिन पर अब रासुका लगाया गया है। इसका आदेश जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रविवार को जारी किया।
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आरोपियों के खिलाफ हो रही है जांच
एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास के मुताबिक मामले में गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों आलमबाग के यशपाल सिंह लोधी, साउथ सिटी के देवेंद्र प्रताप यादव और तेलीबाग के नरेश सिंह के खिलाफ भी जल्द यही कार्रवाई होगी। पुलिस जांच में सामने आया है कि मौके पर मौजूद सलीम ने प्रतियां जलाने की साजिश रची थी। सलीम ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और प्रतियां फाड़ने के बाद उन्हें जला दिया। इस मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
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जानें क्या है रासुका?
रासुका ऐसे व्यक्ति को एहतियातन महीनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है जिससे प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा महसूस हो। इस कानून के तहत केंद्र और राज्य सरकार किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में ले सकती है। यह कानून 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू किया गया था।