Loksabha Election 2024: एक नजर बदायूं सीट पर, सपा-भाजपा की टक्कर में बसपा कर सकती है खेला ?

Edited By Imran,Updated: 03 Apr, 2024 02:22 PM

loksabha election 2024 a look at badaun seat

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक बदायूं लोकसभा सीट है। ये सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मानी जाती है। क्योंकि साल 1998 के बाद से लगातार ये सीट सपा के पास ही रही। लहर कोई रही हो लेकिन यहां से सपा का ही सांसद रहा। हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी की...

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक बदायूं लोकसभा सीट है। ये सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मानी जाती है। क्योंकि साल 1998 के बाद से लगातार ये सीट सपा के पास ही रही। लहर कोई रही हो लेकिन यहां से सपा का ही सांसद रहा। हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य से सपा के धर्मेंद्र यादव हार गए थे। इससे पहले 2009 व 2014 में धर्मेंद्र यादव का ही इस सीट पर कब्जा था। अगर बात करें इस सीट के इतिहास की तो आजादी के बाद साल 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन अगले दो चुनाव साल 1962 और 1967 में भारतीय जनसंघ ने इस सीट पर कब्जा किय। 
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हालांकि साल 1971 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की। लेकिन फिर साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी ने यहां चुनाव जीता, साल 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर फिर वापसी की। साल 1989 के चुनाव में जनता दल के शरद यादव ने इस सीट को कांग्रेस छीन लिया था।  साल 1991 की राम लहर के आम चुनाव में बीजेपी के चिन्मयानंद ने जीत दर्ज की, लेकिन साल 1996 के अगले ही चुनाव में समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल शेरवानी ने इस सीट जीत लिया। उसके बाद से ये सीट सपा का अभेद्य किला बन गई। सलीम इकबाल शेरवानी यहां से लगातार 4 बार सांसद रहे। साल 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में सलीम शेरवानी यहां से सांसद चुने गए। साल 2009 में सैफई परिवार के धर्मेंद्र यादव की एंट्री इस सीट पर हुई और वो लगातार दो बार समाजवादी पार्टी के सांसद रहे।

विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं
आपको बता दें कि इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं। जिनमें 4 सीटें बदायूं जिले की हैं। जबकि एक सीट संभल जिले की गुन्नौर आती है।बदायूं जिले की बिसौली सुरक्षित, सहसवान, बिल्सी और बदायूं शामिल है।
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से तीन समाजवादी पार्टी ने जीती हैं जबकि दो सीट बीजेपी के खाते में गई। संभल की गुन्नौर और बदायूं की बिसौली सुरक्षित और सहसवान को सपा ने जीता है। जबकि बिल्सी और बदायूं पर बीजेपी का कब्जा है।

बदायूं सीट पर कुल वोटर 18 लाख 81 हजार 754 हैं
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अगर बात मतदाताओं की करें, तो बदायूं सीट पर कुल वोटर 18 लाख 81 हजार 754 हैं। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 22 हजार 99 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 59 हजार 552 है। वहीं ट्रांसजेंडर वोटर 103 हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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बदायूं सीट पर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को 18 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। संघमित्रा मौर्य को कुल 5 लाख 11 हजार 352 वोट मिले। जबकि धर्मेंद्र यादव को 4 लाख 92 हजार 898 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी थे,शेरवानी को कुल 51 हजार 947 वोट मिले।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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बदायूं लोकसभा सीट पर साल 2014 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर धर्मेंद्र यादव ने मोदी लहर में भी जीत दर्ज की थी। धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वगीश पाठक को करीब एक लाख 66 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। धर्मेंद्र यादव को कुल 4 लाख 98 हजार 378 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के वगीश पाठक को 3 लाख 32 हजार 31 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के अकमल खान थे। अकमल को कुल एक लाख 56 हजार 973 वोट मिले थे। 

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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बदायूं लोकसभा सीट पर साल 2009 में सपा से सैफई परिवार से धर्मेंद्र यादव की एंट्री कराई गई थी। सीट के पुराने इतिहास को देखते हुए पार्टी ने धर्मेंद्र के लिए इस सीट को सेफ माना था। धर्मेंद्र यादव ने अपने इस पहले चुनाव में बसपा के धरमपाल यादव (डीपी यादव) को हराया था। धर्मेंद्र यादव को 2 लाख 33 हजार 744 वोट मिले थे। जबकि बसपा के डीपी यादव को 2 लाख 1 हजार 202 वोट मिले थे। वहीं यहां से लगातार 4 बार सपा से सांसद रहे सलीम इकबाल शेरवानी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। सलीम शेरवानी तीसरे नंबर पर रहे। उनको कुल 1 लाख 93 हजार 834 वोट मिले थे। 

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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अगर बात साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें, तो इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले सलीम इकबाल शेरवानी चौथी बार सांसद चुने गए थे, शेरवानी ने बीजेपी के बृजपाल सिंह शाक्य को हराकर जीत दर्ज की थी। सलीम शेरवानी को इस चुनाव में 2 लाख 65 हजार 713 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के बृजपाल सिंह शाक्य को 2 लाख 14 हजार 391 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा के प्रेमपाल सिंह यादव को 75 हजार 886 वोट मिले थे।

बदायूं लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-23 है। ये यादव, मुस्लिम और अन्य ओबीसी बाहुल्य सीट मानी जाती है। जबकि वैश्य और ब्राह्मण मतदाता भी इस सीट पर महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। ओबीसी वोटों की ताकत के बूते ही वर्तमान में बीजेपी यहां काबिज है। जबकि आम चुनाव में इस सीट को सपा पता का मजबूत गढ़ कहा जाता है। साल 1992 में बनने वाली समाजवादी पार्टी 1996 से अब तक हुए कुल 7 चुनाव में से सपा 6 बार इस सीट पर जीत चुकी है। आजादी के बाद से हुए चुनाव में पांच बार कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की, बीजेपी और जनसंघ 2-2 बार सांसद बनाने में कामयाब रही है। बाकी बसपा का अभी यहां खाता नहीं खुल पाया है।

मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटा
आम चुनाव 2024 की चुनावी जंग में बीजेपी ने अपनी मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह शाक्य को इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि सपा ने अपने कद्दावर नेता शिवपाल यादव को इस बार यहां उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं है। इस सीट पर सभी की निगाहें बसपा के प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई हैं। बदायूं सीट पर  सपा और बीजेपी की जीत-हार काफी हद तक बसपा उम्मीदवार पर निर्भर करती है। जिस तरह से बीजेपी से सपा 2019 के पिछले चुनाव में पटखनी खा चुकी है। उसी को देखते हुए इस बार यहां सपा ने भी अपना प्रत्याशी बदलकर मजबूत चेहरे को उतारा है। उ

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