धर्म के आधार पर आरक्षण देने वालों को बेनकाब करना जरूरी: CM योगी बोले- ममता सरकार ने पार की राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 May, 2024 01:31 PM

it is necessary to expose those who give reservation on the basis of religion

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में डाल कर ये आरक्षण दिया था। इंडी गठबंधन द्वारा देश की कीमत पर राजनीति की जो ये नीति चल रही है, इस होड़ को खारिज और बेनकाब किया जाना चाहिए। सीएम योगी शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।

संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ओबीसी का हक जबरदस्ती हड़प रही थीं। इसी असंवैधानिक कृत्य पर माननीय उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलटा है और एक जोरदार तमाचा मारा है। यह कार्य असंवैधानिक था, इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसे बार बार कहा था। उन्होंने बताया कि भारत में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए और मंडल कमीशन के बाद ओबीसी की सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत भारत का संविधान कभी नहीं देता। बाबा साहब ने इसके लिए बार बार देश को आगाह किया था कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ था और हमें ऐसी कोई स्थिति नहीं पैदा करना चाहिए जो देश को विभाजन की ओर धकेले।

कर्नाटक के अंदर भी कांग्रेस सरकार ने OBC के अधिकार पर की सेंधमारी
मुख्यमंत्री ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को नजीर बताते हुए कहा कि कर्नाटक के अंदर भी कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के अधिकार पर इसी प्रकार की सेंधमारी करते हुए मुसलमानों को आरक्षण देने का काम किया है। साथ ही आंध्र प्रदेश में भी इसी प्रकार की शरारत की गई थी। इन सबका जोरदार विरोध करना जरूरी है। किसी भी उसंवैधानिक कार्य को, जो भारत के विभाजन की आधारशिला रखने वाला हो, भारत को कमजोर करने वाला हो उसे कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

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