Edited By Ramkesh,Updated: 03 Aug, 2022 03:14 PM
अगर आप रेलवे से सफर करने वाले हैं या स्ट्रेशन पर रेलवे सम्बंधी पूछताछ के लिए जाने वाले हैं तो अब आप की सरकारी कर्मचारियों से नहीं बल्कि आउटसोर्स कंपनी की तरफ से नियुक्त कर्मचारियों से रेलवे की सभी जानकारी आपको मिलेगी। दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे ने 9...
लखनऊ: अगर आप रेलवे से सफर करने वाले हैं या स्ट्रेशन पर रेलवे सम्बंधी पूछताछ के लिए जाने वाले हैं तो अब आप की सरकारी कर्मचारियों से नहीं बल्कि आउटसोर्स कंपनी की तरफ से नियुक्त कर्मचारियों से रेलवे की सभी जानकारी आपको मिलेगी। दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे ने 9 रेलवे स्टेशनों पर निजी कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी है। इन रेलवे स्टेशनों में गोरखपुर जंक्शन,लखनऊ जंक्शन,बादशाहनगर, ऐशबाग,सीतापुर,मनकापुर, गोंडा जंक्शन,बस्ती,खलीलाबाद का नाम शामिल है। एक अगस्त से इन 9 रेलवे स्टेशानों अनाउंसमेंट सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड, कोच गाइडेंस और क्लॉक रूम (अमानती सामान घर) की जिम्मेदारी निजी कर्मचारी संभाल रहे है।
विभाग के मुताबिक अब आउटसोर्स कंपनी के जरिए पहली अगस्त से प्रमुख नौ स्टेशनों पर लगेज और पूछताछ केन्द्र पर निजी कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। शुरुआत में एक स्टेशन पर 12 से 15 कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। विभाग की मानें तो अभी तक इन कार्यस्थलों पर रेलकर्मी ही तैनात हैं। लेकिन लगातार पद सरेंडर किए जाने और खर्चों में कटौती के क्रम में एनई रेलवे प्रशासन स्टेशन के परिचालन व कुछ संबंधित महत्वपूर्ण पदों को छोड़कर साफ-सफाई से लगायत कई प्रमुख कार्यों को आउटसोर्स से कराने लगा है। बताया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग से रेलवे के खर्चों में कमी आई है।
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के के महामंत्री विनोद राय ने कहा कि लगेज रूम के लिए निजी कर्मचारियों की तैनाती पर कड़ा विरोध जताया है। राय ने बताया कि सरकारी कर्मचारी लापरवाही से डरता है कि उसकी नौकरी खतरे में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर लगेज रूम से किसी का सामान गायब हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी, निजी कर्मचारी की या फिर रेलवे की। यह व्यवस्था रोजाना विवाद की स्थिति पैदा करेगी। हमारा संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। साथ ही मांग करता है कि इस व्यवस्था को खत्म करे।