Edited By Ruby,Updated: 26 Dec, 2018 11:33 AM
विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा और श्रीपंच अग्नि अखाड़े की पेशवाई मंगलवार को प्रयागराज में जहां गाजे-बाजे के साथ निकली वहीं अखाड़ा से निष्कासित गोल्डन बाबा ने भी बिना गाजे-बाजे सादगी से कुछ लोगों...
प्रयागराजः विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा और श्रीपंच अग्नि अखाड़े की पेशवाई मंगलवार को प्रयागराज में जहां गाजे-बाजे के साथ निकली वहीं अखाड़ा से निष्कासित गोल्डन बाबा ने भी बिना गाजे-बाजे सादगी से कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी पेशवाई निकाली।
गोल्डन बाबा अपने कुछ अनुयायियों के साथ दो कारों के काफिले के साथ त्रिवेणी मार्ग से आगे निकलते गए। एक कार के पर वह अपने कुछ प्रमुख शिष्यों और एक सुरक्षाकर्मी के साथ करीब 20 किलो सोने के जेवरात, कड़े, दोनो हाथों के दसों अंगुलियों में से आठ में मोटी-मोटी अंगूठी पहने विराजमान थे। उनके पीछे चल रही सफेद रंग की कार पर उनके समर्थक ‘‘हर-हर महादेव’’ और ‘गोल्डन बाबा जिन्दाबाद’’ का नारे लगाते आगे बढ़ते गए। किले के पास त्रिवेणी तिराहे के पास उनका काफिला कुछ समय के लिए रूक कर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रहा था। लोगों के हुजूम ने उनके काफिले को चारो ओर से घेर लिया था।
कुछ लोग उनकी कार के ऊपर सवार होकर उनके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आये। उनके साथ चल रहा अकेला सुरक्षाकर्मी असहाय नजर आ रहा था। गौरतलब है कि जूना अखाड़ा का नगर प्रवेश 28 नवंबर के साथ ही गोल्डन बाबा का कुभ में शामिल होने के लिए तीर्थराज प्रयाग में आगमन हुआ था। नगर प्रवेश के दौरान लोगों का आकर्षण का केन्द्र बने थे। देश के सबसे बड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े से जुड़े साधु-संतों का नगर प्रवेश शाही अंदाज में हुआ।