Edited By Harman Kaur,Updated: 14 Jul, 2023 03:29 PM

Etawah News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यमुना नदी के किनारे स्थापित महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक काली वाहन मंदिर (Kali Vahan Temple) में ड्रेस कोड लागू किया गया है....
Etawah News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यमुना नदी के किनारे स्थापित महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक काली वाहन मंदिर (Kali Vahan Temple) में ड्रेस कोड लागू किया गया है। इस मंदिर के बारे में यह जनश्रुति है कि महाभारत के अमर पात्र अश्वत्थामा सबसे पहले पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। इस ड्रेस कोड को लागू करने के पीछे ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर प्रबंधन ने तय किया है कि सनातन धर्म से जुड़ी हुई परंपराओं का निर्वाह करने के लिए ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने के लिए आए। मंदिर प्रबंधन ने सभी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया है।

काली वाहन मंदिर के मुख्य पुजारी सचिन गिरी का कहना है कि फैशन के दौर में महिला हो या पुरुष सभी लोगों ने अपना परिधान अत्याधुनिक तरीके से पहनना शुरू कर दिया है। पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव इस कदर हावी हो चुका है युवा सामान्य तौर पर विभिन्न प्रकार की पोशाकों में देखे जा सकते हैं। ऐसी ही पोशाकों को पहनकर महिला हो या पुरुष मॉल, बाजार, पिकनिक स्पॉट, रेस्टोरेंट्स, होटल्स में पहने हुए लोग दिखाई देते हैं। इस तरह के परिधानों को पहनकर मंदिर दर्शन पर प्रतिबंध लगना शुरू हो गया है। मंदिरों में ऐसे कपड़े पहन कर दर्शन करने आने वालों पर अब मंदिर प्रशासन ने चेतावनी देते हुए प्रवेश पर रोक लगा दी है।

इन कपड़ों में जाएंगे तो नहीं मिलेगी एंट्री
उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबंधन ने ड्रेस कोड लागू करने के बाद मंदिर परिसर में कई अनुरोध वाले पोस्टर लगाए हैं। जिनमे साफ साफ लिखा है कि हाफ पेंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट और कटी फटी जींस पहन कर कोई भी श्रद्धालु मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने के लिए ना आए। उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं से मर्यादित कपड़े पहनने के लिए मंदिर प्रबंधन ने अनुरोध किया है। इस बाबत मंदिर परिसर में विनम्र अनुरोध के तमाम पोस्टर लगाए गए है।