फिरोजाबाद में ऐतिहासिक फैसला: 8 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मुख्य आरोपी को उम्रकैद, तीन आरोपियों को 7-7 साल की सजा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 31 Jul, 2025 02:15 AM

historic verdict in firozabad main accused of rape and murder of 8 year old gir

फिरोजाबाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो न्यायालय मुमताज अली ने बुधवार को एक ऐतिहासिक और सख्त फैसला सुनाते हुए 8 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपी कौशल को उम्रकैद (अंतिम सांस तक) की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी के माता-पिता और...

Firozabad News, (अरशद अली): फिरोजाबाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो न्यायालय मुमताज अली ने बुधवार को एक ऐतिहासिक और सख्त फैसला सुनाते हुए 8 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपी कौशल को उम्रकैद (अंतिम सांस तक) की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी के माता-पिता और भाई को भी सबूत छुपाने और लाश को ठिकाने लगाने का दोषी मानते हुए सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर दो-दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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जानिए, पूरा मामला
विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने जानकारी दी कि घटना थाना नारखी क्षेत्र की है, जहां करीब एक महीने पहले आठ वर्षीय बच्ची अपनी ननिहाल आई हुई थी। इसी दौरान चाउमीन का लालच देकर पड़ोसी कौशल ने बच्ची को बुलाया और दरिंदगी की। इसके बाद हत्या कर शव को बोरे में भरकर ठिकाने लगा दिया गया। मामले में पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी कौशल को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में यह भी सामने आया कि हत्या के बाद उसके माता-पिता और भाई ने शव को छुपाने में उसकी मदद की थी। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे अपराधों में समाज को सख्त संदेश देने की जरूरत है, जिससे मासूमों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

अवधेश कुमार, विशेष लोक अभियोजक, एडीजीसी (पॉक्सो): “यह फैसला पीड़िता के परिवार को आंशिक राहत जरूर देगा। मुख्य दोषी कौशल को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। न्यायालय ने संदेश दिया है कि मासूमों पर अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”

रवि शंकर प्रसाद, एसपी सिटी फिरोजाबाद: “पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सबूत एकत्र किए और अभियोजन की मदद से दोषियों को सजा दिलाई। ऐसे मामलों में हमारी प्राथमिकता न्याय दिलाना है।”
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विष्णु गुप्ता, मृतक बच्ची के पिता: “हमें अपनी बच्ची अब वापस नहीं मिल सकती, लेकिन कोर्ट के फैसले से दिल को थोड़ा सुकून मिला है। हम चाहते हैं कि ऐसे दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि कोई और मासूम इसका शिकार न बने।” बता दें कि यह फैसला पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल है कि न्यायालय मासूमों के साथ अत्याचार करने वालों को कभी नहीं बख्शता।

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