Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Sep, 2021 07:12 PM
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आकस्मिक निधन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि महंत की संदेहास्पद मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिये इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत...
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आकस्मिक निधन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि महंत की संदेहास्पद मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत न्याय मूर्ति से कराने की जरूरत है।
डॉ. मसूद ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि महंत जी हस्ताक्षर तक नहीं करते थे उनके द्वारा कई पेज का सुसाइड नोट बरामद होना भी संदेह के घेरे को और मजबूत करता है। जहां पर महंत जी को आत्महत्या करते दिखाया गया है वहां स्टूल तक नहीं है फिर कैसे उन्होंने सुसाइड किया और इतना ही नहीं महंत जी को वाई श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान थी वह सुरक्षाकर्मी भी उस दुखद घटना के दौरान कहा थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में संत महंत भी सुरक्षित नहीं है जबकि इन्हीं के आशीर्वाद और अथक प्रयास से भाजपा सत्तासीन हुई। महिला सुरक्षा, लूट डकैती, बलात्कार जैसी घटना इस शासन मे पहले ही कानून व्यवस्था का मज़ाक उड़ाती रही है वास्तविकता यह है सरकार संत महंतो की रक्षा नहीं कर सकती तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी दी जा सकती है।
रालोद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी की जांच घोषित करना संतोषजनक नहीं है क्यों कि सम्पूर्ण पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ही कार्य करेगा। उन्होंने मांग की कि अखाड़ा परिषद के महंत की मृत्यु का असली कारण जानने के लिए उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत न्याय मूर्ति के द्वारा जाँच करायी जाय ताकि गुनाहगारों को भरपूर सजा का प्राविधान हो सके।