Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 13 Feb, 2021 01:29 PM
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने लखनऊ के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के एक मामले
लखनऊ: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने लखनऊ के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के एक मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के पुत्र मोहम्मद उमर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार अदालत ने इसके साथ ही इस मामले में मोहम्मद उमर, नीतीश मिश्रा, महेंद्र कुमार सिंह व योगेंद्र कुमार के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी नियत की है।
बता दें कि यह मामला थाना कृष्णा नगर से संबधित है। इस मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी लेकिन 12 जून, 2019 को उच्चतम न्यायालय के आदेश से सीबीआई ने इस मामले में अतीक अहमद, फारुख, जकी अहमद, मो. उमर, जफर उल्लाह, गुलाम सरवर व 12 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की। सीबीआई ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है और उसकी जांच अभी जारी है।
गौरतलब है कि रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने 29 दिसंबर, 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि देवरिया जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिए गोमतीनगर आँफिस से उसका अपहरण करा लिया। इसमें कहा गया कि देवरिया जेल में अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे बुरी तरह पीटा और उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तख़त करवा कर करीब 45 करोड़ रूपये की संपत्ति अपने नाम करा ली। आरोप के मुताबिक अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।