Edited By Ramkesh,Updated: 04 Dec, 2025 01:18 PM

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर कर्ज के बोझ तले दबे एक इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी ने गंगा में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घर की दराज से मिला सुसाइड नोट मामले को और गंभीर बना रहा है, जिसमें एक अन्य...
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर कर्ज के बोझ तले दबे एक इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी ने गंगा में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घर की दराज से मिला सुसाइड नोट मामले को और गंभीर बना रहा है, जिसमें एक अन्य व्यापारी पर पैसे हड़पने का आरोप लगाया गया है। पुलिस नोट की फोरेंसिक जांच कर पूरे प्रकरण की पड़ताल में जुट गई है।
परिजनों ने सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा
दशाश्वमेध घाट पर दोपहर करीब ढाई बजे 67 वर्षीय सुरेंद्र केसरी उर्फ मुन्ना ने दुकान के कर्मचारी को नाश्ता लेने भेजा और इसी दौरान गंगा में छलांग लगा दी। देर रात एनडीआरएफ की टीम ने मणिकर्णिका घाट से उनका शव बरामद किया। सुबह परिजन शव लेकर थाने पहुंचे और सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा।
कर्ज के दबाव में उठाया कदम
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सुरेंद्र केसरी ने लोन और दूसरों से उधार लेकर करीब 1 करोड़ रुपये एक बिजनेस में निवेश किए थे, जो पूरी तरह डूब गए। कर्जदारों के बढ़ते दबाव से वह बीते कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थे।
सुसाइड नोट में दूसरे कारोबारी पर गंभीर आरोप
एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि सुसाइड नोट में जिस व्यापारी का जिक्र है, उससे पूछताछ की गई। उसने स्वीकार किया कि कोविड-19 से पहले सुरेंद्र से निवेश कराया गया था। शुरुआत में मुनाफा हुआ, लेकिन कोरोना काल में पूरा बाजार ठप होने से पूंजी डूब गई।
घटना के जांच में जुटी पुलिस
बाजार सुधरने के बाद भी सुरेंद्र केसरी लगातार घाटे में रहे और कर्ज का बोझ बढ़ता गया। तनाव से टूट चुके सुरेंद्र ने अंततः यह खौफनाक कदम उठा लिया। पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और मामले की छानबीन जारी है।