Edited By Imran,Updated: 11 Aug, 2024 02:45 PM
सभी 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी उप चुनाव लड़ेगी, बैठक में मायावती ने लिया फैसला
UP Politics: बसपा की बैठक समाप्त हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है, दरअसल अब बहुजन समाज पार्टी सभी 10 सीटों पर उप चुनाव लडे़गी। लंबे समय के बाद मायावती विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतरेंगी । सूत्रों की माने तो 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से संबंधित दो सीटों पर बसपा ने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं। अभी 8 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हो रहा है।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें से 9 सीटें लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवार बने विधायकों की जीत के बाद खाली हुई हैं। आइए इन सीटों के बारे में जानते हैं...
1. कटेहरी विधानसभा सीट: लालजी वर्मा एमएलए थे। वह अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल करने में कामयाब हुए। कटेहरी सीट पर 2012 में सपा और 2017 में बसपा को जीत मिली थी। लालजी वर्मा यूपी चुनाव 2022 में निषाद पार्टी को इस सीट पर हराने में कामयाब हुए थे।
2. करहल विधानसभा सीट: मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे। कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दिया। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है।
3. मिल्कीपुर विधासभा सीट: अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के सीनियर नेता अवधेश प्रसाद एमएमए थे। फैजाबाद से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। इस सीट पर ब्राह्मणों और दलितों का बढ़िया प्रभाव है।
4. मीरापुर विधानसभा सीट: मीरापुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान एमएलए थे। उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट और मुसलमानों का प्रभाव दिखता है।
5. गाजियाबाद लोकसभा सीट: गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा के अतुल गर्ग विधायक थे। गाजियाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर वे संसद तक पहुंच चुके हैं। इसके बाद ये सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी।
6. मझावां विधानसभा सीट: मझावां विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी का कब्जा था। विनोद कुमार बिंद यहां से विधायक थे। विनोद कुमार बिंद के भदोही सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी। यह बीजेपी की मजबूत सीट मानी जाती है।
7. खैर विधानसभा सीट: अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक अनूप सिंह लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। वह हाथरस से लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2012 में यह सीट रालोद और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट, ब्राह्मण, दलित और मुसलमानों का अच्छा प्रभाव दिखता है।
8. फूलपुर विधानसभा सीट: फूलपुर विधासभा सीट से विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद यह सीट खाली हुई थी। 2012 में यह सीट सपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर यादव और दलितों का अच्छा प्रभाव है।
9. कुंदरकी विधानसभा सीट: कुंदरकी विधानसभा सीट से जिया उर रहमान बर्क विधायक थे। वह संभल लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है। इसे सपा की मजबूत सीट माना जाता है। सपा इस सीट पर 2012, 2017 और 2022 चुनाव में जीत दर्ज की।
10. सीसामऊ विधानसभा सीट: सीसामऊ विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था। यहां से सपा विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट ने दोषी घोषित किया। सजा के ऐलान के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी विधायकी चली गई है। इसे सपा की बहुत मजबूत सीट माना जाता है।