गंगा के बाद उफनाई यमुना भी खतरे के निशान से पार, जीवन हुआ अस्त व्यस्त

Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Sep, 2019 04:09 PM

yamuna burnt after ganga also crossed danger mark

राजस्थान और मध्य प्रदेश के बांधों से छोड़े गए पानी से उफनाई यमुना भी खतरे के निशान को पार कर गई है।बुधवार शाम को गंगा नदी खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही थी।

प्रयागराज: राजस्थान और मध्य प्रदेश के बांधों से छोड़े गए पानी से उफनाई यमुना भी खतरे के निशान को पार कर गई है। बुधवार शाम को गंगा नदी खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही थी। यमुना में आई बाढ़ से बेघर हुए लोगों की समस्या व किसानों की फसल की बर्बादी का आकलन करने के लिए डीएम, एसपी व बीजेपी विधायक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का स्टीमर में बैठकर किया दौरा। गंगा का जलस्तर मंगलवार की दोपहर खतरे का निशान पार कर गया। गंगा यहां लाल निशान 84.73 मीटर के ऊपर बहने लगी हैं। यमुना भी खतरे के निशान से पार पहुंच गई हैं। 

खागा तहसील के यमुना किनारे बसे कई गाँवों में भी पानी घुस गया है। कई परिवार बाढ़ में फंसे एंव नाव के माध्यम से फंसे हुए परिवार को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। किशनपुर के नवनिर्मित दमोह पूल धसने से जिला प्रशासन ने रास्ते के साथ-साथ किया कई गाँवों की बिजली सप्लाई भी बंद।

जिससे लोग अब घर बार छोड़कर दूसरे ठिकानों में रूककर अपना जीवन यापन कर रहें हैं। वहीं डीएम, एसपी व बीजेपी विधायक ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों से बातचीत कर उनका हाल भी जाना।

संजीव सिंह डीएम फतेहपुर का कहना है कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिससे कई गाँवों में पानी घुस चूका है और बाढ़ में फंसे लोगों को नाव के माध्यम से निकाला जा रहा है, कुछ गाँव ऐसी हैं जहाँ 12 से 14 घंटे ही बिजली दी जा रही है।

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