Edited By Ramkesh,Updated: 09 Dec, 2025 01:37 PM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में है। वह आज सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) स्व. विपिन रावत की स्मृति में बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने देश के प्रथम CDS, 'पद्म विभूषण' जनरल बिपिन...
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में है। वह आज सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) स्व. विपिन रावत की स्मृति में बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने देश के प्रथम CDS, 'पद्म विभूषण' जनरल बिपिन रावत जी को विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम सिकंदर को क्यों महान कहे.. हम महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, जनरल विपिन रावत को महान क्यों नहीं कहते। हमारे लिए विदेशी आक्रांता महान नहीं हो सकते है। पूर्व में इतिहास में छेड़छाड़ कर विदेशी आक्रांताओं को महान बनाने का काम किया है वो गुलामी की मानसिकता है, जिसे त्यागना होगा।
आप को बता दें कि गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह का शुभारंभ 4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के साथ हुआ था। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का 10 दिसंबर को समापन सप्ताह भर चली विभिन्न प्रतियोगिताओं के मेधावियों को पुरस्कृत करने के साथ होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के हाथों पुरस्कृत होंगी। इस दौरान परिषद की सर्वश्रेष्ठ संस्था, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी, इंटरमीडिएट, स्नातक व परास्नातक के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को स्वर्ण पदक भी प्रदान किया जाएगा।
संस्थापक समारोह के मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के हाथों महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति स्वर्गीय प्रो. यूपी सिंह पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। इस पुस्तक जीवन के साधना पथ का गृहस्थ सन्यासी प्रो. उदय प्रताप सिंह एवं जीवन मूल्य का प्रकाशन प्लाक्षा प्रकाशन ने किया है।