महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

Edited By prachi,Updated: 14 Nov, 2019 10:16 AM

vashistha narayan singh died in patna

74 वर्षीय महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधर पर गहरा शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने चिट्ठी जारी कर...

पटनाः 74 वर्षीय महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधर पर गहरा शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने चिट्ठी जारी कर कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।

नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व. वशिष्ठ नारायण सिंह ने अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय से 1969 में गणित में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर के पद पर काम किया। वर्ष 1971 में श्री सिंह भारत वापस लौट आये। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में अध्यापन का कार्य किया। वे भूपेन्द्र नारायण मंडल विष्वविद्यालय, मधेपुरा के विजिटिंग प्रोफेसर भी थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंह ने ‘साइकिल वेक्टर स्पेस थ्योरी‘ पर शोध किया था। उन्होंने पूरे विश्व में भारत और बिहार का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि श्री सिंह का निधन बिहार एवं देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने स्व. सिंह के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुऐ कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

नीतीश कुमार ने दिवंगत आत्मा की चिर-शान्ति तथा उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। वहीं, सूचना एवं जनसंपकर् मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि ज्ञान के प्रतिक गणितज्ञ श्री वशिष्ठ बाबू अति सामान्य पृष्ठभूमि में जन्म लेकर दुनिया में अपनी शैक्षणिक प्रतिभा की जो मिसाल कायम की है वह अतुलनीय, अद्वितीय एवं अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी न केवल उनकी प्रतिभा को लोहा मानेगी बल्कि नई पीढ़ी को प्रेरणा स्रोत रेखांकित करेगा कि मजबूत इच्छा शक्ति प्रतिभा को रोक नहीं सकती।

बता दें कि आरा के बसंतपुर के रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह बचपन से ही होनहार थे। छठी क्लास में उन्होंने नेतरहाट में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज में अपनी कॉलेज की पढ़ाई की। इसके बाद वशिष्ठ नारायण 1965 में अमेरिका चले गए और वहीं से 1969 में उन्होंने पीएचडी की।

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