Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Sep, 2024 02:51 PM
Mathura News: उत्तर प्रदेश का ये सरकारी स्कूल बदहाली की सबसे बड़ी मिसाल है। मथुरा जिले का ये सरकारी स्कूल इस कदर बदहाल है कि, यहां कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहता। यही कारण है कि आज स्कूल में एक भी बच्चा नहीं है। हां तीन शिक्षक जरुर...
Mathura News: (मदन सारस्वत) उत्तर प्रदेश का ये सरकारी स्कूल बदहाली की सबसे बड़ी मिसाल है। मथुरा जिले का ये सरकारी स्कूल इस कदर बदहाल है कि, यहां कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहता। यही कारण है कि आज स्कूल में एक भी बच्चा नहीं है। हां तीन शिक्षक जरुर है..जो रोज स्कूल आते हैं, बच्चों की राह देखते हैं और आखिर में मायूस होकर स्कूल में ताला लगाकर वापस अपने घर लौट जाते हैं।
मथुरा का अनोखा सरकारी स्कूल, जहां नहीं है एक भी बच्चा
मिली जानकारी के मुताबिक, स्कूल की बदहाल स्थिति को देख एक बात तो साफ है कि इस सरकारी स्कूल में सुविधाओं का अभाव हैं। शायद यही वजह है कि इस सरकारी स्कूल में कोई भी मां बाप अपने बच्चों को नहीं पढ़ना चाहता। यूं तो उत्तर प्रदेश में ऐसे कई सरकारी स्कूल है, जहां बच्चों की संख्या कम है..लेकिन मथुरा के नगला देवकरन के इस प्राथमिक विद्यालय में एक भी बच्चा नहीं है। पिछले साल प्राथमिक विद्यालय नगला देवकरन में केवल दो छात्रों ने प्रवेश लिया था, इस साल उन दोनों बच्चों ने भी स्कूल आना छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि दोनों बच्चों ने किसी दूसरे स्कूल में प्रवेश ले लिया है। अब हालात यह है कि पहली से 5वीं तक स्कूल में एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं है, लेकिन 3 टीचर की पोस्टिंग जरूर है, जो हर दिन स्कूल आते है और शाम को घर चले जाते हैं।
आने वाले दिनों में तीनों टीचरों को अन्य किसी स्कूल में किया जा सकता है समायोजित
आखिर क्या कारण हो सकता है कि कोई भी अपने बच्चों को यहां नहीं पढ़ाना चाहता? या तो स्कूल में सुविधाओं का भारी अकाल होगा, या फिर स्कूल में पढ़ाई नहीं होती होगी। स्कूल में एक भी छात्र न होने की वजह से तीनों टीचरों का नाम समायोजन सूची में शामिल कर दिया गया है, जिससे अब स्कूल में ताला लगना तय है। आने वाले दिनों में तीनों टीचरों को अन्य किसी स्कूल में समायोजित किया जा सकता है।