Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Dec, 2025 10:33 AM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज यानी शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र की कार्यवाही सुबह 11ः00 बजे शुरू होगी। यह सत्र 19 से 24 दिसंबर तक चलेगा...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज यानी शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र की कार्यवाही सुबह 11ः00 बजे शुरू होगी। यह सत्र 19 से 24 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल चार कार्य दिवस होंगे क्योंकि शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
सत्र की शुरुआत पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और बजट संबंधी प्रस्तावों के साथ होने की उम्मीद है। विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष कोडीन सिरप और SIR के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है। हालांकि आज पहले दिन शोक प्रस्ताव के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। सत्र के पहले दिन घोसी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के दिवंगत विधायक सुधाकर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने की ये अपील
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले बृहस्पतिवार को एक सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन सामूहिक भागीदारी के कारण ही प्रभावी ढंग से काम करता है। महाना ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई थी और सभी दलों के सहयोग से सार्वजनिक मुद्दों पर रचनात्मक, तार्किक और तथ्यों पर आधारित बहस लोगों की समस्याओं का सार्थक समाधान खोजने में मदद मिल सकती है।
बैठक में ये बोले योगी
मुख्यमंत्री और विधानसभा में सदन के नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानसभा जनता की आकांक्षाओं को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण मंच है और मौजूदा सत्र प्रमुख मुद्दों के साथ-साथ कानून पर ठोस चर्चा का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विधेयकों पर चर्चा करते समय उनकी वास्तविक अवधारणा और मंशा को सदन में ठीक से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में हुई चर्चाएं देश भर की विधानसभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। सरकार सभी चर्चाओं में सकारात्मक रूप से भाग लेगी, विपक्ष द्वारा उठाए गए हर सवाल का जवाब देगी और दिए गए सुझावों के अनुरूप समाधान तक पहुंचने का प्रयास करेगी।