UP Paper Leak Case: अब प्रिंटिंग प्रेस मालिक और ट्रांसपोर्ट कंपनी पर भी गिरेगी गाज, पेपर लीक होने के बाद भागे थे विदेश

Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Mar, 2024 11:23 AM

up paper leak case now the printing press owner

UP Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में अभी कार्रवाई जारी है। अब पुलिस के विशेष कार्यबल (STF) के दायरे में प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग करने वाली प्रेस और ट्रांसपोर्ट कंपनी भी आ गई है। अब जल्द ही एसटीएफ इन दोनों के खिलाफ...

UP Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में अभी कार्रवाई जारी है। अब पुलिस के विशेष कार्यबल (STF) के दायरे में प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग करने वाली प्रेस और ट्रांसपोर्ट कंपनी भी आ गई है। अब जल्द ही एसटीएफ इन दोनों के खिलाफ जांच पड़ताल कर कार्रवाई कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, जब प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को   पेपर लीक होने की सूचना मिली तो यह तुरंत देश छोड़कर भाग गए। फिलहाल, इस मामले में एसटीएफ जांच कर सभी आरोपियों की तलाश कर रही है।

बता दें कि एसटीएफ ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा का पेपर (प्रश्नपत्र) लीक करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। परीक्षा 11 फरवरी को राज्य भर में आयोजित की गई थी। बड़े पैमाने पर प्रश्नपत्र लीक होने की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने दो मार्च को यह परीक्षा रद्द कर दी थी। एसटीएफ ने बयान में कहा, "पेपर लीक के मामले में बृहस्पतिवार को अरुण कुमार सिंह और सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया गया, जो प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं।"

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एसटीएफ के अनुसार पहले दोनों को STF मुख्यालय बुलाया गया जहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को परीक्षा से एक दिन पहले अपने फोन पर एक दूसरे ‘मास्टरमाइंड' से पेपर की प्रति मिली थी। इसके बाद दोनों ने पेपर दूसरों को भेज दिया था और इसके लिए पैसे लिये थे। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम पेपर लीक के संबंध में कौशांबी जिले में दर्ज प्राथमिकी में जोड़े जाएंगे।

यह भी पढ़ेंः यूपी में अब इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग की सुविधा देगा पावर कारपोरेशन, 'यूपीरेव' का किया गठन
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु एक नई कंपनी यूपी रिन्यूवेबिल एण्ड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (यूपीरेव) का गठन किया गया है। यह कंपनी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UPPCL) के नियंत्रणाधीन कार्य करेगी। UPPCL के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्वि हो रही है। प्रतिवर्ष इसमें लगभग 47 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। केंद्र सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है।

 

 

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