Edited By Pooja Gill,Updated: 04 Sep, 2025 03:18 PM

Rain in UP: उत्तर प्रदेश में आसमान से बारिश नहीं आफत बरसी है। कई जिले बाढ़ से प्रभावित है और सैकड़ों गांव में बाढ़ ने तबाही मचाई है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियों उफान पर...
Rain in UP: उत्तर प्रदेश में आसमान से बारिश नहीं आफत बरसी है। कई जिले बाढ़ से प्रभावित है और सैकड़ों गांव में बाढ़ ने तबाही मचाई है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियों उफान पर है और फसलें बर्बाद हो गई है। बुधवार को हुई बारिश से जलभराव से सड़कों पर घंटों जाम रहा। गली-मुहल्ले, पॉश कॉलोनियों और बाजारों में दुकानों में पानी भर गया। रुनकता में 15 महीने का बालक शिव उफनाए नाले में बह गया। जब तक उसे निकाला गया, तब तक बच्चे की मौत हो गई। वहीं, कई जिलों में बाढ़ की वजह से स्कूल, कॉलेज में छुट्टियां घोषित कर दी गई है।

पीलीभीत में देवहा-शारदा नदियां उफान पर
पीलीभीत में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। पुरनपुर एवं कलीनगर तहसील क्षेत्र के अतिरिक्त बीसलपुर तहसील क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में है। देवहा और शारदा नदी के उफान से कई गांवों में पानी घुस गया है।जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता को सदर तहसील तथा अन्य बाढ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों में भी कम्युनिटी किचन चालू हैं। जहां भोजन तैयार कर बाढ़ पीड़ितों को वितरित कराया जा रहा है। जनपद में 62 स्थाई/अस्थाई गौशालाओं में से दो गौशालाओं में पानी भरने की सूचना प्राप्त हुई है।
बागपत में यमुना नदी का रौद्र रूप, सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद
हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते यमुना नदी बागपत जिले में रौद्र रूप धारण किए हुए है। बुधवार को सांकरौद गांव के जंगल में बने बांध में रिसाव होने की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की सूचना पर सिंचाई विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर मिट्टी के कट्टे डालकर लीकेज को बंद कराया। समय रहते रिसाव पर काबू पा लेने से बांध के टूटने का खतरा टल गया, लेकिन ग्रामीणों में अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है। बुधवार सुबह खेकड़ा क्षेत्र के सांकरौद जंगल में सेह के बिल के कारण बांध में रिसाव देखा गया। उधर, उफान मारती यमुना ने जनपद के शबगा, जागोस, मवीकला, सांकरौद, अब्दुलपुर और सुभानपुर सहित आसपास के गांवों की सैकड़ों बीघा गन्ना, धान और सब्जियों की फसलें अपने साथ बहा दी हैं। किसानों की खून-पसीने से तैयार की गई फसल नष्ट हो जाने से क्षेत्र के किसान गहरे सदमे में हैं।

आगरा में झमाझम बारिश, जनजीवन प्रभावित
आगरा में बुधवार दोपहर के बाद एक घंटे की झमाझम बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं। शहर से बारिश का पानी निकल नहीं पाया जिससे भारी जल भराव हो गया है। सड़कों पर कई फीट पानी भर गया है जिससे वाहन फंस गए हैं। किला के पीछे यमुना के किनारे बनी सड़क के हालात बद से बदतर हो गए। रेलवे ब्रिज के नीचे कई फीट पानी भर गया। दरअसल यमुना पानी से लबालब भरी है और अलटर् के निशान पर है। आगरा शहर में बारिश के पानी की निकासी यमुना में होती है। जब यमुना पहले से खतरे के निशान के करीब है, लिहाजा बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा है। यमुना किनारे रेलवे ब्रिज के नीचे पानी भर गया है। हालत ये हैं कि मोटर साइकिल आधी डूब गईं। कारें भी आधी डूब कर निकल गईं। कई वाहन फंस गए हैं जिससे किला के पीछे जाम लग गया। हालांकि नगर निगम ने दो पंपों के जरिए पानी निकालने के इंतजाम जरूर किए हैं लेकिन पानी इतना ज्यादा भर गया है कि दोनों पंप पानी को निकालने में कई घंटे लगे।
कुशीनगर में गंडक नदी उफान पर
कुशीनगर में गंडक नदी उफान पर है वहीं बाल्मीकि गंडक बैराज पर नदी का डिस्चार्ज फिर बढ़ने लगा है। नदी छितौनी बांध के भैंसहा गेज पर नदी चेतावनी बिन्दु से 23 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं नदी छितौनी बांध के ठोकर नम्बर चार के समीप कटान फसलों पर कटान का खतरा बढ गया है। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। डिस्चार्ज बढने के बाद बड़ी गंडक नदी आधा दर्जन स्परों पर भी दबाव बना रही है। जिसको लेकर बाढ खंड विभाग सर्तक है। वाल्मीकि गण्डक बैराज पर मंगलवार शाम नदी का डिस्चार्ज एक लाख 14 हजार क्यूसेक था जो रातभर में बढ़कर बुधवार को सुबह चार बजे एक लाख 25 हजार क्यूसेक से ऊपर हो गया। इससे नदी का दबाव सीधे छितौनी बांध के स्पर ए व सी पर पड़ रहा है। वहीं छितौनी बांध के ठोकर चार के समीप स्थित किसानों के फसलों पर कटान खतरा मंडराने लगा है। अगर स्थिति यही रही तो तटबंध किनारे स्थित की फसल नदी में विलीन हो जायेंगे। यह देख किसानों को अपनी फसल कटने की चिंता सताने लगी है।