Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Sep, 2025 05:39 PM

मथुरा और काशी के बाद अब योगी सरकार ने संभल की धार्मिक विरासत को संवारने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिले के तीन प्रमुख तीर्थ स्थलों – चतुर्मुख कूप, यम तीर्थ, और पिशाच मोचन तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि स्वीकृत की गई है।...
Sambhal News: मथुरा और काशी के बाद अब योगी सरकार ने संभल की धार्मिक विरासत को संवारने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिले के तीन प्रमुख तीर्थ स्थलों – चतुर्मुख कूप, यम तीर्थ, और पिशाच मोचन तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि स्वीकृत की गई है। इनमें से 100 करोड़ रुपये वंदन योजना के तहत प्रदान किए गए हैं।
क्या है योजना का लक्ष्य?
सरकार का उद्देश्य इन प्राचीन धार्मिक स्थलों को संरक्षित करते हुए उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है। योजना के तहत तीर्थ स्थलों पर सड़क, लाइटिंग, स्वच्छता, श्रद्धालु विश्राम केंद्र जैसी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
तीन तीर्थों का कार्य पूर्ण, दो पर जारी है काम
जिला प्रशासन के अनुसार, पांच में से तीन तीर्थ स्थलों का कार्य पूरा हो चुका है। चतुर्मुख कूप और यम तीर्थ पर मरम्मत, सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ। पिशाच मोचन तीर्थ पर कार्य अंतिम चरण में है। बाकी दो तीर्थ स्थलों पर भी तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है।
स्थानीयों में दिखा उत्साह, उम्मीदों को मिली नई उड़ान
परियोजना से स्थानीय समुदाय बेहद उत्साहित है। स्थानीय निवासी रामेश्वर सिंह ने कहा, “यह हमारे धार्मिक गर्व का क्षण है। पर्यटन और रोज़गार दोनों को फायदा मिलेगा।” वहीं व्यापारी अनिल शर्मा ने कहा, “तीर्थों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से बाजार को नई ऊर्जा मिलेगी।”
प्रशासन की निगरानी और पारदर्शिता का दावा
जिला प्रशासन ने कार्यों की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित की है। जिलाधिकारी ने कहा, “हम न सिर्फ तीर्थों की धार्मिक महत्ता को उभारना चाहते हैं, बल्कि इन्हें सुविधाजनक और दर्शनीय भी बनाना है।”
धार्मिक पर्यटन को नई दिशा
सरकार की वंदन योजना और अन्य प्रयास उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक पर्यटन का हब बनाने की ओर अग्रसर हैं। संभल के यह धार्मिक स्थल अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं रहेंगे, बल्कि पर्यटन, संस्कृति और रोजगार का भी स्रोत बनेंगे।